MBA की डिग्री इस देश में मिलती है सबसे सस्ती, जानें इससे कितने रुपये की नौकरी मिलना आसान?
क्या विदेश में MBA करना महंगा है? जानिए ऐसे 5 देश जहां कम खर्च में बेहतरीन MBA की पढ़ाई हो सकती है और आपको इंटरनेशनल करियर के शानदार मौके मिल सकते हैं! कौन-कौन से देश हैं? पढ़ें पूरी जानकारी!

MBA की पढ़ाई दुनिया भर में बहुत लोकप्रिय है और इसे किसी भी विषय से ग्रेजुएशन करने के बाद किया जा सकता है. MBA की डिग्री लेने के बाद करियर के अवसर बहुत बढ़ जाते हैं. अगर आप विदेश से MBA करते हैं, तो ये मौके और भी ज्यादा हो जाते हैं. लेकिन अक्सर ज्यादा फीस की वजह से कई छात्र विदेश में पढ़ने का सपना छोड़ देते हैं.
लंदन और अमेरिका जैसे देशों में टॉप कॉलेजों में MBA की फीस 60-70 लाख से एक करोड़ रुपये तक हो सकती है, जो ज्यादातर छात्रों के लिए बहुत ज्यादा है. लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं जहां आप अच्छी क्वालिटी की MBA शिक्षा कम कीमत पर प्राप्त कर सकते हैं.
इटली: कला और शिक्षा का केंद्र
इटली सिर्फ अपनी खूबसूरत इमारतों, फैशन, खाने और संस्कृति के लिए ही मशहूर नहीं है, बल्कि यहां की शिक्षा भी विश्व स्तर की है. इटली में कई शानदार यूनिवर्सिटीज हैं जो उच्च शिक्षा के लिए जानी जाती हैं. यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का शिक्षा माहौल है.
इटली में ज्यादातर MBA कोर्स अंग्रेजी में पढ़ाए जाते हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय छात्रों को कोर्स समझने में आसानी होती है. यहां रहने का खर्च भी अमेरिका या कनाडा जैसे देशों से काफी कम है. इटली में MBA का औसत खर्च करीब 25 लाख रुपये है, जो दूसरे पश्चिमी देशों की तुलना में बहुत कम है.
नीदरलैंड: उभरता हुआ स्टार्टअप हब
नीदरलैंड दुनिया का सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़ा हुआ देश माना जाता है. यहां का मल्टीकल्चरल एनवायरनमेंट, सस्ती शिक्षा और मजबूत अर्थव्यवस्था इसे पढ़ाई के लिए बेहतरीन जगह बनाती है. नीदरलैंड अब एक प्रमुख स्टार्टअप हब के रूप में उभरा है, जहां छात्रों को नए बिजनेस शुरू करने में मदद मिलती है.
नीदरलैंड में MBA में प्रवेश के लिए ग्रेजुएशन डिग्री, GMAT या GRE स्कोर, और अंग्रेजी भाषा प्रोफिशिएंसी परीक्षा जरूरी है. यहां MBA की औसत लागत लगभग 27 लाख रुपये है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा के लिए काफी उचित है.
सिंगापुर: एशिया का वित्तीय केंद्र
सिंगापुर दक्षिण पूर्व एशिया का प्रमुख वित्तीय केंद्र है. इसकी मजबूत अर्थव्यवस्था इसे विदेशी छात्रों के लिए बहुत आकर्षक बनाती है. छात्र यहां न सिर्फ पढ़ाई के लिए, बल्कि इंडस्ट्री-फोकस्ड कोर्सेज और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के लिए भी आते हैं.
सिंगापुर में MBA करने का औसत खर्च लगभग 30 लाख रुपये है. यहां से पढ़ाई करने के बाद एशिया के बड़े बाजारों में नौकरी पाने के अच्छे अवसर मिलते हैं. कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां सिंगापुर में अपने एशिया मुख्यालय रखती हैं, जिससे छात्रों को अच्छे प्लेसमेंट मिलते हैं.
जर्मनी: इनोवेशन का केंद्र
जर्मनी नए विचारों और नवाचार के लिए मशहूर है. यह MBA के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. जर्मनी में विश्व स्तरीय यूनिवर्सिटीज, रिसर्च-आधारित प्रोग्राम और अच्छी क्वालिटी की किफायती शिक्षा मिलती है.
जर्मनी में MBA करने वाले छात्रों को अच्छा प्रैक्टिकल अनुभव मिलता है. यहां की कंपनियां छात्रों को इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट काम के माध्यम से सीखने के अवसर देती हैं. जर्मनी में MBA का औसत खर्च लगभग 35 लाख रुपये है, जो अमेरिका या ब्रिटेन से काफी कम है.
स्पेन: जीवंत संस्कृति और शिक्षा
स्पेन अपने सुहावने मौसम और जीवंत संस्कृति के लिए जाना जाता है. बार्सिलोना और मैड्रिड में यूरोप के कुछ बेहतरीन बिजनेस स्कूल हैं, जो MBA की पढ़ाई के लिए स्पेन को एक आदर्श जगह बनाते हैं.
स्पेन में MBA कोर्स के लिए पेशेवर अनुशंसा पत्र, रेज्यूमे और GMAT स्कोर की जरूरत होती है. यहां MBA का औसत खर्च लगभग 35 लाख रुपये है. स्पेन में पढ़ाई के दौरान यूरोपीय संस्कृति और व्यापार के बारे में जानने का अच्छा मौका मिलता है.
इन देशों में MBA करने से न सिर्फ आपका पैसा बचेगा, बल्कि आपको अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी मिलेगा. विदेशी डिग्री से आपके करियर की संभावनाएं बढ़ जाएंगी और आपको अच्छे वेतन वाली नौकरियां मिल सकती हैं. अगर आप MBA करना चाहते हैं लेकिन बजट की चिंता है, तो इन देशों पर विचार करें. यहां की शिक्षा न सिर्फ किफायती है, बल्कि गुणवत्ता भी विश्व स्तर की है.
विदेशी MBA से सैलरी पैकेज क्या मिलता है?
विदेशी MBA डिग्री के साथ भारतीय छात्रों को आमतौर पर अच्छे वेतन पैकेज मिलते हैं. इन पांच देशों से MBA करने के बाद शुरुआती सैलरी लगभग 20-40 लाख रुपये सालाना तक हो सकती है. सिंगापुर और नीदरलैंड से MBA करने वालों को वित्तीय सेवाओं और तकनीकी क्षेत्र में अच्छे मौके मिलते हैं, जहां शुरुआती पैकेज 30-35 लाख तक जा सकता है. इसके अलावा, जर्मनी जैसे देशों में इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में MBA वालों की अच्छी मांग है, जहां 2-3 साल के अनुभव के बाद सैलरी 45-50 लाख तक पहुंच सकती है. यूरोपीय देशों में वर्क-लाइफ बैलेंस भी बेहतर होता है, जो लंबे करियर के लिए फायदेमंद है.
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