भारत जैसे देश में 12वीं पास करने के बाद ज्यादातर छात्र इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन लेते हैं और अपना करियर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बनाना चाहते हैं. लेकिन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी कई शाखाएं हैं, इन शाखाओं में से ज्यादातर बच्चे कंप्यूटर साइंस को चुनते हैं. कुछ सिविल लेते हैं, तो कुछ मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल की तरफ चले जाते हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है कि इंजीनियरिंग में ही एक ब्रांच होती है एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की. अगर आप इस ब्रांच में एडमिशन लेते हैं तो आपका भविष्य अन्य सेक्टर के इंजीनियरों के मुकाबले ज्यादा बेहतर होगा. सबसे बड़ी बात कि जब आप एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनकर किसी अच्छे संस्थान से निकलते हैं तो आपको नासा जैसी वैज्ञानिक संस्था अपने हर नौकरी पर रखने के लिए इच्छुक होती है.


एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग क्या होता है


एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग... इंजीनियरिंग क्षेत्र का सबसे ज्यादा कठिन क्षेत्र माना जाता है. इसकी पढ़ाई बहुत ज्यादा चुनौतीपूर्ण होती है यही वजह है कि छात्र इस सेक्टर में घुसने से डरते हैं. हालांकि, अगर आपने एक बार एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कर ली तो आप के लिए भविष्य में कई शानदार संभावनाएं हैं. एयरोनॉटिकल नॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लेने वाले छात्र स्पेस रिसर्च, डिफेंस टेक्नोलॉजी और मिसाइलों के साथ-साथ सैन्य हवाई जहाजों के निर्माण और उनके टेस्ट के साथ-साथ विश्लेषण करने की शिक्षा लेते हैं.


कौन कर सकता है एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग


अगर आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करना चाहते हैं तो यह अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ-साथ डॉक्टरेट लेवल में भी हो सकती है. ग्रेजुएशन लेवल पर एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का कोर्स करने के लिए छात्र को 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित के विषय में कम से कम 50 से 60 फ़ीसदी अंक के साथ पास होना होगा. वहीं अगर आप एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपका ग्रेजुएट होना जरूरी है. पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए देश के टॉप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग संस्थान एक प्रवेश परीक्षा कराते हैं और उस प्रवेश परीक्षा में पास होने के बाद ही मेरिट के हिसाब से आपको किसी कॉलेज में एडमिशन मिलेगा.


एयरोनॉटिकल इंजीनियर को कहां मिलती है नौकरी


एरोनॉटिकल इंजीनियर को देश-विदेश की कई प्राइवेट एयरलाइंस कंपनियों में, राष्ट्रीय एरोनॉटिकल लैब में, रक्षा मंत्रालय के कई प्रोजेक्ट में, नागरिक उड्डयन विभाग में, इसरो में, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में और यहां तक कि नासा में भी बेहतरीन नौकरी मिल सकती है. सबसे बड़ी बात कि अगर आपको नासा जैसे संस्थान में नौकरी मिल गई तो आपकी शुरुआती सैलरी ही 12 से 15 लाख रुपए वार्षिक हो सकती है.


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