All India Council for Technical Education Survey: फर्स्ट ईयर के इंजीनियरिंग छात्रों का औसत गणित स्कोर 40% से कम रहता है. ये जानकारी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा कराए गए सर्वे से सामने आई है. तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने और इंजीनियरिंग स्नातकों के रोजगार की संभावनाओं को प्रभावित करने वाले सीखने के अंतराल की पहचान करने के लिए किए गए सर्वे में सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों को 'मौलिक विषयों' में "सबसे कम प्रदर्शन करने वाला" पाया गया है.
इस सर्वे में 2,003 AICTE से मान्यता प्राप्त संस्थानों के 1.29 लाख छात्रों ने भाग लिया था. छात्रों ने सर्वे में पिछले सितंबर और इस साल 7 जून के बीच भाग लिया था, जिसमें पता चला कि छात्र गणित विषय में संघर्ष करते हैं. ये सर्वे विशेष रूप से डिजाइन किए गए ऑनलाइन परीक्षण PARAKH के माध्यम से किया गया था. सभी स्तरों के लिए एक योग्यता परीक्षा के अलावा, प्रथम वर्ष के छात्रों का भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित पर परीक्षण किया गया था. जबकि दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष के छात्रों का मूल्यांकन उनके विशेषज्ञता के क्षेत्र में योग्यता पर किया गया.
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि 22,725 प्रथम वर्ष के छात्रों के गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान कौशल स्तरों के विश्लेषण से पता चला है कि इंजीनियरिंग क्षेत्र में गणित के अध्ययन के लिए अधिक जोर देने की आवश्यकता है. सिविल (इंजीनियरिंग) मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री में सबसे कम प्रदर्शन करने वाला विभाग है. सिविल विभाग में मौलिक विषयों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है.
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