साधारण पढ़ाई पढ़ने के बाद आजकल नौकरी मिलना बेहद मुश्किल है. इसलिए लोग तरह-तरह के स्पेशलाइज्ड कोर्स कर रहे हैं. स्पेशलाइजेशन के नाम पर दुनियाभर के तमाम इंस्टीट्यूट अजीबोगरीब प्रकार के डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स करा रहे हैं. इसी तरह का एक कोर्स है, जिसमें आप जीव जंतुओं के व्यवहार को समझने की कोशिश करते हैं. इन जीव जंतुओं में चींटी से लेकर कॉकरोच तक शामिल हैं. सबसे खास बात कि लोग इस कोर्स में खूब दिलचस्पी भी दिखा रहे हैं. हालांकि, इस कोर्स की फीस इतनी ज्यादा है कि उसे चुकाने के लिए एक आम भारतीय को अपने पिताजी की एफडी तोड़नी पड़ सकती है. तो चलिए आज आपको इस अजीबोगरीब कोर्स के बारे में बताते हैं.


क्या है यह कोर्स


यह अजीबोगरीब कोर्स ब्रिटेन की चेस्टर यूनिवर्सिटी में पढ़ाया जाता है. इस कोर्स का नाम है एनिमल बिहेवियर एंड साइकोलॉजी, इसमें छात्रों को बीएससी की डिग्री दी जाती है. यह एक तरह का फुल टाइम कोर्स है और इसमें 3 साल का समय लगता है. इस कोर्स के अंतर्गत छात्रों को कीड़े मकोड़ों का व्यवहार समझने की शिक्षा दी जाती है. खासतौर से कॉकरोच के व्यवहार को समझने के लिए यहां स्पेशलाइज्ड कोर्स कराया जाता है. अब इस कोर्स को करने के बाद आपको कौन सी नौकरी मिलेगी और इसका स्कोप क्या है, इसके बारे में तो ज्यादा जानकारी ब्रिटेन की ये चेस्टर यूनिवर्सिटी ही दे सकती है. इसके लिए आप इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर और जानकारी हासिल कर सकते हैं.


कितनी है इस कोर्स की फीस


इस कोर्स के बारे में जानकर आप जितना हैरान हुए होंगे, उससे कहीं ज्यादा हैरान आप इस कोर्स की फीस को सुनकर होंगे. एनिमल बिहेवियर एंड साइकोलॉजी में बीएससी ऑनर्स करने के लिए यूनिवर्सिटी आफ चेस्टर विदेशी छात्रों से लगभग 12 लाख रुपए की सालाना फीस वसूलता है. यानी अगर आप भारतीय हैं और यह कोर्स करना चाहते हैं तो आपको लगभग 12 लाख रुपए सालाना और पूरी डिग्री के लिए 3 साल की फीस लगभग 36 लाख रुपए चुकाने होंगे. वहीं जो लोग इस कोर्स को पार्ट टाइम में करना चाहते हैं, उन्हें पूरी डिग्री कंप्लीट करने में 7 साल का समय लगेगा.


इस कोर्स में छात्रों को क्या सिखाया जाता है


इस अजीबोगरीब 3 साल के डिग्री कोर्स में छात्रों को जानवरों और कीड़े मकोड़ों का व्यवहार समझना और वह बदलते प्राकृतिक वातावरण में किस तरह का व्यवहार इंसानों के आसपास करते हैं यह बताया जाता है. इसके साथ ही इस कोर्स में स्टूडेंट्स को इस बात की भी शिक्षा दी जाती है कि वह पृथ्वी पर मौजूद जीव जंतुओं के संरक्षण के लिए क्या कर सकते हैं. और उनका संरक्षण इस पृथ्वी के संतुलन को बनाए रखने के लिए कितना ज्यादा जरूरी है यह भी इस कोर्स में बताया जाता है. इस डिग्री को पूरा करने के बाद ज्यादातर छात्रों को जीव वैज्ञानिक बनने में मदद मिलती है और उन्हें जंगलों में इन जीव-जंतुओं  का अध्ययन करने का मौका मिलता है.


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