Bagless Days: बिना बस्ते के 10 दिन स्कूल जाएंगे बच्चे, अब विद्यालय सच में बनेंगे ‘मस्ती की पाठशाला’
Bagless Days For Class 6 to 8: क्लास 6 से 8 तक के बच्चे अब साल में दस दिन बिना बस्ते के स्कूल जा सकेंगे. इस मुहिम का मकसद बच्चों के सिर से पढ़ाई का बोझ कम करना और प्रैक्टिकल नॉलेज देना है.
![Bagless Days: बिना बस्ते के 10 दिन स्कूल जाएंगे बच्चे, अब विद्यालय सच में बनेंगे ‘मस्ती की पाठशाला’ Bagless days in school ncert releases guidelines importance and motive of bagless days for class 6 to 8 Bagless Days: बिना बस्ते के 10 दिन स्कूल जाएंगे बच्चे, अब विद्यालय सच में बनेंगे ‘मस्ती की पाठशाला’](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/30/363aea9399f0637dc3c03f85f555848c1722336456234140_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Guidelines For Bagless Days: वो दिन दूर नहीं जब बच्चे स्कूल जाने के नाम पर नाक-भौं नहीं सिकोड़ोंगे बल्कि खुशी-खुशी स्कूल जाएंगे, वो भी बिना बैग के. जी हां, अब बच्चों को साल में दस दिन बिना बैग के स्कूल जाने का मौका मिलेगा. इस दौरान वे पढ़ाई की जगह दूसरी गतिविधियों में समय बिताएंगे और स्कूल को पूरी तरह एंजॉय करेंगे. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्टूडेंट्स के लिए जारी गाइडलांस में ये सिफारिश की है.
किस क्लास को मिलेगी सुविधा
ये सिफारिश खास क्लास 6 से 8 तक के बच्चों के लिए है. इन्हें बैगलेस डेज कहा जाएगा यानी ऐसे दिन जब स्टूडेंट्स बिना बस्ते के स्कूल जाएंगे. वे इस दौरान पार्क घूमना, मेला टहलना, अपने गांव या शहर का टूर करना जैसी बहुत सी गतिविधियों में इंगेज रहेंगे.
क्या है मकसद
इस मुहिम का मकसद है कि बच्चों को छोटी उम्र से ही प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और प्रैक्टिकल नॉलेज की तरफ झुकाया जा सके. वे अर्ली एज से ही वोकेशनल एजुकेशन लेने लगें और इस फील्ड में उनकी रुचि बढ़े. किताबी ज्ञान की जगह प्रैक्टिकल नॉलेज बढ़ाकर बच्चों को चीजें सिखाने पर जोर दिया जाएगा.
रिलीज हुई गाइडलाइंस
मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन ने एनईपी की चौथी एनिवर्सिरी पर बैगलेस डेज के लिए गाइडलाइंस जारी की. ये गाइडलाइंस पीएसएस सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन द्वारा बनाई गई हैं. ये एनसीईआरटी की ही एक यूनिट है. इसके अंतर्गत क्लास 6 से 8 तक के बच्चे जरूरी क्राफ्ट विषय जैसे काररेंटी, मेटल वर्क, पॉटरी मेकिंग वगैरह में अपनी रुचि के अनुसार हाथ आजमा सकते हैं.
दो बार मिलेगा मौका
इन दस दिनों को दो बार में बांटा जा सकेगा. यानी साल में दो बार बच्चों के लिए बैगलेस डेज हो सकते हैं. पांच बार एक समय पर और पांच बार एक समय पर. इन दिनों में उन्हें दूसरे तरीकों से व्यस्त रखा जाएगा.
इन लोगों से मिलाएं, इन जगहों पर घुमाएं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन पांच दिनों में बच्चो को विभिन्न विषयों के एक्सपर्ट्स आदि से मिलाया जा सकता है. जैसे किसी खिलाड़ी से, फैशन डिजाइनर से. इसी तरह इस दौरान उन्हें पोस्ट ऑफिस, बैंक, पुलिस थाना, पार्क, मेला जैसी जगहों पर घुमाने ले जाया जा सकता है.
टीचर्स की जिम्मेदारी बढ़ेगी
इस सिफारिश के लागू होने पर टीचर्स की जिम्मेदारी बढ़ेगी. उन्हें देखना होगा कि बच्चों को कैसे इंगेज रखना है. साथ ही ये भी ध्यान देना होगा कि वे अपने मनपसंद एक्टिविटी में ही इंगेज हों. कोई खास एक्टिविटी दिए जाने पर उसे कैसे पूरा करना है, ये भी टीचर की जिम्मेदारी होगी. खेल-खेल में पढ़ाई कराने का ये तरीका बच्चों के लिए मजेदार हो सकता है.
यह भी पढ़ें: सवालों के घेरे में क्यों अग्निपथ स्कीम?
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)