फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स में 10+2 के बाद अधिकतम छात्र कम्प्यूटर से संबंधित कोर्स करना चाहते हैं. जब 10+2 के बाद बेहतर कम्प्यूटर कोर्स चुनने की बात आती है, तो बी.टेक सीएस के अलावा, कंप्यूटर से संबंधित कुछ अन्य ग्रेजुएट कोर्स हैं, जो रोजगार के अवसरों और हायर एजुकेशन के मामले में बेहतरीन संभावनाएं प्रदान करते हैं. बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) और बीएससी कंप्यूटर साइंस दो पाठ्यक्रम हैं, जो इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सफल करियर के द्वार खोलते हैं.


हालांकि, अक्सर ऐसा पाया जाता है कि छात्र अक्सर बीसीए और बीएससी कम्प्यूटर साइंस के बीच दुविधा में रहते हैं. क्योंकि, पाठ्यक्रम, हायर एजुकेशन और रोजगार के अवसरों के मामले में दोनों पाठ्यक्रम लगभग समान गुंजाइश प्रदान करते हैं. इस दुविधा को समझने के लिए, हम इन शैक्षणिक कार्यक्रमों में से प्रत्येक पर व्यक्तिगत रूप से उनके मुख्य फोकस क्षेत्र, सामान्य पाठ्यक्रम और मार्केट वैल्यू का मूल्यांकन करने के बाद उनके बीच तुलनात्मक विश्लेषण करेंगे.



बीसीए, बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन


बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन पाठ्यक्रम तीन वर्ष का ग्रेजुएट प्रोग्राम है, जो कम्प्यूटर साइंस के एप्लीकेशन पर केंद्रित है. बीसीए, इंटरनेट टेक्नोलॉजी, वेब डेवलपमेंट और मोबाइल एप्लीकेशन की समग्र समझ प्रदान करता है. एक प्रैक्टिकल प्रोग्राम होने के नाते बीसीए सी और सी++ जैसी प्रोग्रामिंग भाषा, बिजनेस कम्युनिकेशन, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, नेटवर्किंग, ई-कॉमर्स और मल्टीमीडिया सिस्टम पर जोर देता है. बीसीए एक रोजगारोन्मुखी और व्यावहारिक प्रोग्राम है, इसलिए पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद छात्र अपनी कुशलता और रुचि के अनुसार शीघ्र ही अच्छे प्लेसमेंट के अवसर पा सकते हैं.


बीएससी कम्प्यूटर साइंस, बैचलर ऑफ कंप्यूटर साइंस


बैचलर ऑफ कंप्यूटर साइंस (बीएससी सीएस) तीन वर्ष का ग्रेजुएट प्रोग्राम है, जो कम्प्यूटर साइंस की मूल अवधारणा पर केंद्रित है. बीसीएस कंप्यूटर साइंस, कंप्यूटर फंडामेंटल्स, आर्किटेक्चर, डाटा स्ट्रक्चर और सी प्रोग्रामिंग की समग्र समझ प्रदान करता है. यह एक सैद्धांतिक एजुकेशन प्रोग्राम है, जिसमें गणितीय पहलुओं, प्रोग्रामिंग, सांख्यिकी और इलेक्ट्रॉनिक की अवधारणा पर जोर देता है. जैसा कि बी.एससी. कंप्यूटर साइंस एक अवधारणा-उन्मुख और सैद्धांतिक प्रोग्राम है, इसलिए यह कार्यक्रम उच्च अध्ययन और शिक्षाविदों के लिए उपयुक्त है.



दोनों में कैसा है स्कोप?


बीएससी कम्प्यूटर साइंस, कंप्यूटर विज्ञान की मौलिक अवधारणा पर जोर देता है. यह कोर्स क्लाइंट के साथ काम करने, उनकी ज़रूरत के हिसाब से सॉफ्टवेयर डिजाइन करने, टेस्टिंग और सॉफ्टवेयर डॉक्यूमेंटेशन जैसे कौशल नहीं सिखाता. दूसरी तरफ, बीसीए एक रोजगार-उन्मुख शिक्षा कार्यक्रम है, यह कोर्स आपको आईटी कंपनियों में अलग-अलग जॉब प्रोफाइल में कुशलतापूर्वक काम करने के लिए तैयार करता है. इसलिए, रोजगार के अवसरों के मामले में, बीसीए ग्रेजुएट्स को  बीएससी कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट की तुलना में लाभ मिलता है.


ये हैं रोजगार के अवसर


बीसीए ग्रेजुएट्स को अक्सर विप्रो, टीसीएस, इंफोसिस, एचसीएल और अन्य दिग्गज आईटी कंपनियों द्वारा नियुक्त किया जाता है. वहीं, बीएससी सीएस ग्रेजुएट्स को सुरक्षा और निगरानी कंपनियों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माताओं, सिस्टम रखरखाव सलाहकारों, तकनीकी सहायता टीमों और बैंकिंग फर्मों द्वारा रखा जाता है.



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