अधिकांश युवाओं का बचपन से ही इंजीनियर बनने का सपना होता है. और इस सपने को पूरा करने के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम यानी जेईई पास करना बेहद जरूरी होता है. इस परीक्षा को पास करने के बाद ही युवाओं को अच्छे कॉलेज मिलते हैं, जहां से पढ़ाई कर वह अपने करियर को उड़ान दे सकते हैं.


ऐसे में यह जरूरी है कि जेईई मेन्स की तैयारी दसवीं कक्षा से ही शुरू कर दी जाए. हालांकि इस दौरान कुछ बातों का खास ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना बेहद जरूरी होता है ताकि करियर में सफलता में वह बाधा न बनें. आइये जानते हैं उप बिंदुओं के बारे में जिनका ध्यान रखना बेहद फायदेमंद हो सकता है..


जेईई मेन्स एग्जाम पैटर्न को समझें
किसी भी परीक्षा की तैयारी करने से पहले जरूरी है कि उस परीक्षा के पैटर्न को समझा जाए. ऐसे में जेईई मेन्स परीक्षा के पैटर्न को समझे बिना उसकी तैयारी शुरू करना गलत होगा. यह परीक्षा आपकी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स की समझ को परखती है. ऐसे में परीक्षा के फॉर्मेट, प्रश्नों और मार्किंग के तरीके को समझ कर उसके अनुसार अपनी पढ़ाई के प्लान को तैयार करना चाहिए.
 
बेसिक्स को मजबूत करें
विशेषज्ञ को कहना है कि 10th की पढ़ाई सही समय होता है, जब जेईई की तैयारी शुरू की जाए. ऐसा इसलिए है कि उस दौरान फंडामेंटल विषयों को समझ कर पारंगत होने का लाभ न सिर्फ 11वीं और 12वीं कक्षा में आने वाले मु​श्किल टॉपिक को पढ़ने और समझने में मदद करता है बल्कि, जेईई की परीक्षा में भी सहायक सिद्ध होता है.


स्टडी शेड्यूल बनाएं
परीक्षा की तैयारी करने से पहले जरूरी है कि एक स्टडी शेड्यूल तैयार किया जाए जिसके तहत हर विषय को उसके अनुसार समय दिया जाए. वह चाहे फिजिक्स हो, केमिस्ट्री हो या मैथ्स. सभी विषयों को बराबर समय देते हुए पढ़ने और समझने का अवसर देकर तैयारी को बेहतर ढंग से किया जा सकता है.


स्टडी मटेरियल का रखें ध्यान
तैयारी के लिए स्टडी मैटेरियल बेहद अहम होता है. जरूरी है कि अच्छी और सही किताबों का प्रयोग कर अपनी तैयारी शुरू की जाए. जेईई की तैयारी के दौरान मैथ्स के लिए आरडी शर्मा, एचसी वर्मा की फिजिक्स और ओपी टंडन की केमिस्ट्री की किताबों को ज्यादातर जगहों पर रिकमेंड किया जाता है. इसके साथ ही एनसीईआरटी की किताबों को भी इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है.


 जरूरोजाना प्रैक्टिसरी


जेईई एक्जाम को एक बार में ही पास करना होता तो जितना ज्यादा सवालों को सॉल्व किया जाएगा, उतना ही ज्यादा परीक्षा के दौरान पूछे जाने वाले सवालों के उत्तर लिखने में मदद मिलेगी. साथ ही सवालों के उत्तर लिखने में रफ्तार भी बन जाती है.


मॉक टेस्ट 
दसवीं कक्षा से ही लगातार मॉक टेस्ट देते रहने से परीक्षा का माहौल बना रहता है. यह टेस्ट जेईई परीक्षा की तैयारी को लेकर आपकी स्थिति को भी स्पष्ट करते हैं और आपकी कमजोरी को दूर करने का पर्याप्त समय मुहैया कराते हैं. 


टाइम मैनेजमेंट 
परीक्षा में टाइम मैनेजमेंट एक हम कड़ी है इसलिए इसपर खासा ध्यान दें. सवालों के जवाब देने में अगर संतुलन न हुआ तो उसका असर पूरी परीक्षा पर पड़ता है क्योंकि एक सवाल पर ज्यादा समय देने का मतलब होता है कि दूसरे सवाल पर समय देने के लिए काम बचता है. ऐसे में लगातार मॉक टेस्ट और प्रै​क्टिस करने से इस टाइम मैनेजमेंट को बेहतर करने में मदद मिलती है.


निरंतरता और मोटिवेटेड रहे 
किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरंतर बेहद जरूरी है. जब हम लगातार प्रोत्साहित रहते हुए निरंतर प्रयास और तैयारी करते रहते हैं तो हम उस लक्ष्य को पा लेते हैं. ऐसे में लगातार तैयारी करते रहना और जोश के साथ जुटे रहना सफलता की कुंजी है.


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कोचिंग या ऑनलाइन कोर्सेज से जुड़ना
तैयारी के दौरान कई बार ऐसा मौका भी आता है जब हमें लगता है कि हम खुद के बल पर तैयारी नहीं कर सकते. ऐसे में बेहतर रहेगा कि किसी अच्छे शिक्षक वाले कोचिंग इंस्टिट्यूट या ऑनलाइन कोर्स में एडमिशन लेकर अपनी तैयारी को एक सही दिशा देने की कोशिश करें. ऐसे प्लेटफार्म से नियमित असेसमेंट या मॉक टेस्ट के साथ ही बेहतर तरीके से बना हुआ स्टडी मैटेरियल भी मिल जाता है.


स्कूल और परीक्षा की तैयारी में बैलेंस रखें
दसवीं बोर्ड का साल होता है, जो पहली बार आता है. इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें कि जेईई की तैयारी के चक्कर में बोर्ड परीक्षा की तैयारी प्रभावित न हो. इसके लिए स्कूल और तैयारी के बीच तालमेल अवश्य बनाकर रखें.


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