यूपीएससी की परीक्षा में हर साल लाखों युवा बैठते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही अभ्यर्थी सफलता हासिल कर पाते हैं. कुछ अभ्यर्थी प्री एग्जाम में ही बाहर हो जाते हैं, तो कुछ मुख्य परीक्षा में फेल हो जाते हैं. इंटरव्यू का समय आने तक लाखों की भीड़ में कुछ ही अभ्यर्थी बचते हैं. जिनमें से भी कुछ ही उम्मीदवार अधिकारी बन पाते हैं क्योंकि अधिकतर अभ्यर्थी इंटरव्यू में पूछे गए प्रश्नों का सामना नहीं कर पाते और अधिकारी बनने की रेस से बाहर हो जाते हैं. लेकिन अभ्यर्थी को उसके बाद परेशान होने की जरूरत नहीं है. अभ्यर्थी नीचे दी गई टिप्स को अपनाकर परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं.


सबसे पहले जानते हैं कि यूपीएससी की चयन प्रक्रिया क्या है. किसी भी अभ्यर्थी (Applicant) को अंतिम मेरिट सूची में आने के लिए तीनों चरणों (प्रारंभिक, मुख्य, साक्षात्कार) को पास (Clear) करना होता है. मेन्स और इंटरव्यू ​(Mains & Interview) ​में प्राप्त अंकों को जोड़ा जाता है और एक निश्चित कट-ऑफ तैयार होती है. यदि उम्मीदवार ​(Applicant) ​के कुल अंक (मुख्य + साक्षात्कार) यूपीएससी द्वारा निर्धारित कट-ऑफ अंक ​(Cut-Off Marks) ​से ऊपर हैं, तो उसे अंतिम मेरिट सूची में आने का मौका मिलता है.


असफल यूपीएससी अभ्यर्थी (Applicant) हतोत्साहित महसूस करते हैं और उनमें आत्म-संदेह होता है. यदि अभ्यर्थी ने पहले दो चरणों को पास कर लिया है और यूपीएससी साक्षात्कार ​(UPSC Interview) ​में असफल हो गया है तो असफलता को स्वीकार करना बहुत मुश्किल होता है. असफल उम्मीदवार फिर से यूपीएससी की तैयारी शुरू करने के लिए आत्मविश्वास और प्रेरणा हासिल करने के लिए परिणामों के बाद एक ब्रेक ले सकते हैं. उम्मीदवार (Applicant) अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करें और दोबारा एग्जाम क्लियर करने के लिए जुट जाएं.


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