पिछले महीने दिल्ली सरकार की ओर से एक आदेश जारी हुआ. इसमें 12 कॉलेजों की दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ एफिलिएशन खत्म होने के बाद ही उन्हें फंडिंग दिए जाने की बात कही गई. इसके जवाब में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने शिक्षा मंत्री अतिशी को पत्र लिखकर इस बात पर जोर दिया कि कॉलेज यूनिवर्सिटी के पास ही रहेंगे और राज्य को उनकी फंडिंग जारी रखनी चाहिए.


DU के कुलपति ने क्या कहा


आगे कुलपति ने शिक्षा मंत्री को पत्र वापस लेने का अनुरोध करते हुए छात्रों के हित में इन कॉलेजों के लिए फंडिंग बहाल करने के महत्व पर जोर दिया. दरअसल, यह 12 कॉलेज पूरी तरह से आर्थिक रूप से पूरी तरह दिल्ली सरकार पर निर्भर हैं. दिल्ली सरकार की ओर से 100% वित्त पोषण के प्रावधान के साथ साल 1986 से लेकर 1998 के बीच इन कॉलेजो का निर्माण हुआ था.


धर्मेंद्र प्रधान को भी लिखा पत्र


2 दिसंबर को दिल्ली की शिक्षा मंत्री की ओर से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को एक पत्र लिखा गया जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा पोषित डीयू के 12 कॉलेजों के कामकाज में अनियमितता का मुद्दा उठाया. दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने पत्र में लिखा कि पूरी तरह से स्वामित्व के बाद ही दिल्ली सरकार इन 12 कॉलेज की फंडिंग करेगी, यानी दिल्ली विश्वविद्यालय से इन कॉलेजों का एफिलिएशन नहीं रहेगा.


अंबेडकर विश्वविद्यालय से संबंध जोड़ने की बात की गई


उन्होंने लिखा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो दिल्ली सरकार इन कॉलेजों की फंडिंग बंद कर देगी. साथ ही इन 12 कॉलेजों का अंबेडकर विश्वविद्यालय से एफिलिएशन की बात भी पत्र में कही गई. आतिशी ने आगे लिखा कि अगर दिल्ली विश्वविद्यालय इन 12 कॉलेजों से एफिलिएशन खत्म नहीं करता है तो दिल्ली सरकार इन्हें आगे फंडिंग नहीं करेगी, फिर चाहे वह केंद्र सरकार से या यूजीसी से फंड प्राप्त कर सकते हैं.


इस विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमी परिषद सदस्य माया जॉन ने कहा, 12 कॉलेजों में कई शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और छात्रों को हितधारक के रूप में भी नहीं माना जा रहा है. संबंध खत्म करने के बारे में परिषद से कोई बात नहीं की गई.


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