बिहार में सरकारी मदरसों को मुख्य शिक्षा की धारा से जोड़ने का फैसला लिया गया है. बिहार मदरसा एजुकेशन बोर्ड 'आधुनिक और मुख्य धारा के सिलेबस' लागू करने के लिए तेजी से काम करने में जुटा है. मदरसा के छात्रों को NCERT और SCERT के सिलेबस में से किसी एक को चुनना होगा.
बिहार के मदरसे जुड़े मुख्य धारा से
मदरसा के छात्र 10वीं के बाद विज्ञान, कला और कॉमर्स पढ़ाई कर सकेंगे. कोर्स को पढ़ाने के योग्य बनाने के लिए 10 हजार शिक्षकों को लॉकडाउन के दौरान ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग देनेवालों में NCERT, SCERT और यूनिसेफ के विशेषज्ञ शामिल रहे. सिलेबस के मुताबिक पढ़ाई का माध्यम उर्दू होगा. मदरसों की किताबें भी उर्दू में होंगी. हालांकि हिंदी और अंग्रेजी दोनों विषयों को अलग से पढ़ना होगा.
मदरसा बोर्ड के चेयरमैन अब्दुल कय्यूम अंसारी ने बताया, "पूरे सिलेबस को बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है. अपलोड किए गए कंटेट में नए सिलेबस से जुड़े 80 वीडियो शामिल हैं. इसके अलावा मदरसा बोर्ड दूरदर्शन की मदद लेने पर भी विचार कर रहा है." उसका अगला मंसूबा पढ़ाई की निगरानी रखने के लिए एप विकसित करने पर है.
इस्लामी विषय सहित अन्य विषयों की पढ़ाई
बिहार बोर्ड की तरह मदरसों में भी SCERT की किताबें 10वीं तक रहेंगी और NCERT की किताबें क्लास 11 और 12 में पढ़ाई जाएंगी. अब्दुल कय्यूम अंसारी ने बताया कि इस्लाम से जुड़े विषय 1 से 10 तक सिलेबस के हिस्से के तौर पर रहेंगे. उन्होंने कहा, "हमने महसूस किया कि सिर्फ अरबी पढ़ाना काफी नहीं है. हम चाहते हैं कि मदरसा के छात्र भी अन्य छात्रों की तरह इस्लाम के बारे में पढ़ते हुए अन्य विषयों को पढें. हमारी मंशा उनको दुनिया से मुकाबला करने के योग्य बनाने की है." आपको बता दें कि बिहार मदरसा बोर्ड स्वायत्त निकाय है. राज्य सरकार इसको पूरी तरह मदद करती है.
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