How To Deal With Exam Pressure: दौसा, राजस्थान की दसवीं की छात्रा खुशबू ने कुछ दिन पहले फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. छात्रा बोर्ड एग्जाम के प्रेशर को झेल नहीं पायी और सुसाइड करने से पहले उसने एक नोट में ये बात कही. ये मामला बीती 2 मार्च का है. दौसा जिले के लालसोट कस्बे के न्यू कॉलोनी में सुबह 11 बजे दसवीं की छात्रा खुशबू मीणा ने फांसी लगा ली. उसने सुसाइड नोट में अपने माता-पिता से माफी मांगते हुए लिखा कि वह 95 + % नंबर नहीं ला सकती और वह दसवीं से परेशान हो गई है. उससे अब नहीं सहा जाता. ये कहकर बच्ची ने मौत को गले लगा लिया.
परीक्षा शुरू होने में अभी वक्त है
राजस्थान की दसवीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने में अभी वक्त है. इस बच्ची ने पेपर देने से पहले ही ये आंकलन कर लिया कि उसके नंबर अच्छे नहीं आएंगे. इस बारे में उसके परिवार का कहना है कि उन्होंने कभी खुशबू पर नंबरों का प्रेशर नहीं बनाया और वह पढ़ाई में अच्छी थी.
पैरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान
- बच्चों पर डायरेक्टली या इनडायरेक्टली किसी भी प्रकार का प्रेशर अच्छे प्रतिशत या अच्छी डिवीजन के लिए न बनाएं.
- दूसरों से अपने बच्चे की तुलना न करें और उसे बात-बात पर उलाहना न दें.
- अगर बिना कुछ कहे भी बच्चा तनाव में दिखे, कम बोले, अपने में रहे या कुछ ऐसी हरकते करें जो पहले नहीं कर रहा था तो सावधान हो जाइये और उससे इस बारे में बात करिए.
- अगर सब करने के बाद भी बच्चे का तनाव कम नहीं होता तो एक्सपर्ट की सलाह लीजिए.
- ऐसे में काउंसलिंग भी बच्चे की मदद करती है. अगर बच्चा आपकी बात नहीं सुनता तो वह जिसको भी पसंद करता है, चाहे वो टीचर हों, परिवार में कोई और सदस्य या कोई सीनियर, उनसे बच्चे से बात करने के लिए कहें.
- बच्चे का स्ट्रेस कम न हो रहा हो तो उन्हें ऐसे लोगों के बारे में बताएं जिन्होंने कम अंक होने के बावजूद जीवन में कुछ बड़ा और अच्छा हासिल किया.
- बच्चों के टच में रहें और उनसे बातचीत करते रहें. उनके दोस्तों और टीचर्स से भी फीडबैक लेते रहें. बच्चे आमौतर पर अपने दिल की बात दोस्तों से ही करते हैं.
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