Board Exam 2020 विशेष: बोर्ड एग्जाम्स का समय हर मायने में छात्र और उनके अभिभावकों के लिए चुनौती का समय होता है. इस समय में जहां पढ़ाई पर तो सार्वधिक ध्यान देना ही होता है वहीं स्टूडेंट्स स्वास्थ्य के साथ भी कोई समझौता नहीं कर सकते. क्योंकि इस समय जितना आवश्यक यह है कि बच्चे बीमार न पड़ें, उससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि वे दिमाग को तेज, केंद्रित औऱ शरीर को चुस्त रखने वाला भोजन लें. आज हम आपसे इस बारे में ही बात करेंगे. एग्जाम्स के दौरान और पहले कैसा हो खान-पान जो शरीर पर डाले सकारात्मक प्रभाव.


कांसनट्रेशन बढ़ाने वाले आहार लें –
हमारे भोजन में कुछ ऐसे भोज्य पदार्थ भी होते हैं जो दिमाग को न सिर्फ केंद्रित रखते हैं बल्कि मेमोरी भी बढ़ाते हैं. इनका सेवन करें. प्रोटीन रिच फूड को भोजन में शामिल करें. जैसे पनीर, सभी प्रकार की दालें, फिश, लीन मीट, अंडा आदि पर कार्बोहाइड्रेट को भी इग्नोर नहीं करना है. ये कुछ फूड आइटम्स हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं.


फल औऱ सब्जियां - एक दिन में पांच फल जरूर खायें और सभी अलग-अलग रंग के. स्नेक के रूप में जब कुछ खाने का दिल करें तो ताज़े लेकिन मौसमी फल ही लें. गाढ़े रंग की सब्जियां खायें, जैसे पालक, बथुआ. सफेद लेट्यूस के पत्ते से ज्यादा फायदेमंद हरी पालक है. हर मील में एक बाउल भरके सलाद शामिल करें. रोटी, चावल का सेवन कम करें. दाल, सब्जियां, सलाद और दही अथवा छाछ अधिक लें.
लाभ - इनमें पोटेशयम, डायट्री फाइबर, विटमिन ए, बी और सी, तथा फॉलिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है. ये मेमोरी को प्रिज़र्व करते हैं औऱ दिमाग को शार्प बनाते हैं. यानी जल्दी याद होगा और याद रहेगा. प्रोटीन शरीर में ऊर्जा और चुस्ती लायेगी.


सूखा मेवा औऱ विभन्न बीज – काजू, बादाम, अखरोट, मूंगफली के दाने, सनफ्लावर सीड्स, पंपकिन सीड्स, चिया और सेसमें सीड्स ये छोटे पैकेट में बड़ा धमाका होते हैं. यानी देखने में छोटे, खाये थोड़ी सी मात्रा में जाते हैं पर लाभ बड़ा देते हैं. बाजार में सीड्स और ड्राय फ्रूट्स के मिक्स पैकेट्स आते हैं. इन्हें खरीदकर स्टडी टेबल पर रख लीजिये. दिन में एक या दो मुट्ठी आराम से खा सकते हैं. ये नींद और सुस्ती भगाने में भी फायदेमंद हैं. जब नींद आये तो मंचिग करके नींद भी भगाइये और स्वास्थ्य लाभ भी पाइये.


लाभ – ड्राय फ्रूट्स में जहां सोडियम, मैगनेशियम अच्छे से होता है, वहीं सीड्स में ओमेगा थ्री फैटी एसिड (विशेषकर एएलए), पॉलीसेचुरेटेड फैट और ओमेगा सिक्स प्रचुर मात्रा में मिलता है. यह ब्रेन हेल्थ के लिये बेस्ट होते हैं. इन्हें खाने से इंस्टेंट एनर्जी मिलती है और डलनेस महसूस नहीं होती.


साबुत अनाज, फिश, दालें और लीन मीट – यह मुख्य भोजन का हिस्सा होता हैं और बहुत महत्वपूर्ण भी. बस ध्यान यह रखना है कि इन्हें पकाते समय बहुत तेल-मसाला नहीं इस्तेमाल करना है. चाहें तो ग्रिल्ड फॉर्म में ले सकते हैं. अंडे ऊबाल कर ले सकते हैं. दाल में घी जरूर डालें. यह दिनभर एनर्जी लेवल को बढ़ाये रखेगा औऱ ब्लड शुगर को नियंत्रित रखेगा, जिससे आप खुद को शक्ति से भरपूर पायेंगे. घी सबसे हाई फंक्शनिंग फैट होता है जो खाने का ग्लाइक्मिक इंडेक्स घटाता है, जिससे अनेकों लाभ होते हैं. स्टूडेंट्स के लिये तो यह बहुत ही जरूरी है. इसलिये गिल्ट फ्री होकर दाल चावल घी, रोटी शक्कर घी जो खाना है खायें.


लाभ – फिश में कोलीन होता है जो मेमोरी और कागनिटिव रीज़निंग के लिए अहम भूमिका निभाता है. इसी प्रकार ऊपर बताये भोज्य पदार्थ में बढ़िया मात्रा में विटमिन बी होता है. यह मेमोरी, रिएक्शन टाइम औऱ मेंटल क्लैरिटी बढ़ाने में खासे मददगार साबित होते हैं.


हल्दी, दालचीनी व अन्य मसाले –
हमारी भोजन संस्कृति काफी विशाल है. भारतीय रसोइयों में प्रयोग होने वाले छोटे - छोटे मसालों का भी अपना महत्व है. ऐसे ही दो मसाले हैं हल्दी और दालचीनी. दोनों को ही दूध में मिलाकर पी सकते हैं. याद रहे मात्रा बहुत ही कम रखनी है. एक चुटकी काफी होगी. रात को सोने से पहले हल्दी दूध लें, इसमें गुड़ भी डाल सकते हैं. दूध को खूब पकाने के बाद गुनगुना लेना है. सुबह के दूध में दालचीनी डाल सकते हैं या फिर ओट्स, पाई या पुडिंग में भी दालचीनी पाउडर छिड़कर खा सकते हैं. छाछ में हींग, भुना जीरा औऱ काला नमक डालकर लें.


लाभ – हल्दी में एंटीबायटिक प्रॉपर्टी होती हैं, ये इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनायेगी. सिनेमन यानी दालचीनी मेमोरी को बूस्ट करने औऱ याद्दाशत बढ़ाने में काम आती है. भुना जीरा, हींग और काला नमक पाचन को स्वस्थ रखेगा, जिससे पेट हेल्दी रहेगा. और जैसा की माना जाता है एक स्वस्थ पेट, स्वस्थ शरीर के लिये बहुत आवश्यक है. इसलिये इन मसालों का किन्हीं न किन्हीं रूप में सेवन करते रहें.


स्ट्रेस ईटिंग से बचें –
कुछ बच्चों में आदत होती है कि वह स्ट्रेस्ड होते हैं तो ज्यादा खाते हैं, इससे बचें. इस बारे में बात करते हुए एमपीबीएसई बोर्ड से कक्षा दस में पिछले साल 94.8 प्रतिशत अंक लाने वाली भार्गवी शुक्ला का कहना है, “ परीक्षा का तनाव होता ही है, ऐसे में दिमाग काम नहीं करता और जो भी हाथ में आता है बस खाते ही रहते हैं. इससे बचने के लिये मैंने अपनी मील्स को स्मॉल पोर्शन में बांट लिया था. मैं कुछ – कुछ समय के अंतराल में खाती थी और एक बार में थोडा. इससे सुस्ती भी नहीं आती थी और पेट भरा रहता था”.


होम डिलीवरी से दूरी बनायें, घर का खाना खायें –
आजकल तमाम फूड एप्लीकेशन लेट नाइट तक फूड डिलीवर करते हैं. इनका यूज़ न करें और घर के खाने को ऑप्ट करें. इस बारे में सीनीयर न्यूट्रीशनिस्ट और फिटनेस कंसल्टेंट डॉ. शिप्रा माथुर का कहना है “ बच्चे पढ़ाई के लिये देर तक जागते हैं और पैरेंट्स को न जगाकर ऑनलाइन फूड ऑर्डर कर देते हैं. कई बार ऑफर में फूड सस्ता भी होता है. यह खाने में तो स्वादिष्ट लगता है पर शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाता है. लेट नाइट ईटिंग का अरेंजमेंट पहले ही कर लें औऱ घर का खाना खायें.” इसके साथ ही एक औऱ जरूरी बिंदु है हाइड्रेट रहना. खूब पानी पियें और कैफिनेटेड ड्रिंक्स की जगह नारियल पानी, छाछ और ताजा फलों का रस लें.


क्या न करें –
अभी तक हमने क्या खाना है पर काफी चर्चा कर ली अब बात करते हैं क्या नहीं खाना है.
- किसी भी रूप में अत्यधिक कैफीन न लें. ज्यादा चाय, कॉफी एसिडिटी बढ़ायेगी. बहुत जरूरत लगे तो कैफीन फ्री ग्रीन टी या कैमोमाइल टी ले सकते हैं.
- इंस्टेंट कुछ न लें. जो भी भोज्य पदार्थ इंस्टेंट तैयार हो जाता है, वह बहुत नुकसानदायक होता है, फिर चाहे वो इंस्टेंट नूडल्स हों या इंस्टेंट कॉफी.
- आर्टीफीशियल एनर्जी बूस्टर बहुत नुकसान करते हैं. बाजार में उपलब्ध इंस्टेंट एनर्जी ड्रिंक्स, प्रोटीन बार या डार्क चॉकलेट जैसी चीज़ें कतई न लें. ये तुरंत में तो लाभ देते महसूस होते हैं पर ये बॉडी को दोगुनी कैलोरीज़ से भर देते हैं.
- पैक्ड फूड को न कहें. डिब्बाबंद फूड फिर चाहे वो बिस्किट ही क्यों न हो सिवाय केमिकल और प्रेज़रवेटिव के शरीर को कुछ नहीं देता. तो अगर खाने का समय न हो तो चिप्स, बिस्किट, जूसेस आदि कंफर्ट फूड से दूर रहें. इसके स्थान पर मखाने फ्राय करके या लइया, चूरा अपने पास रख लें, भूख लगने पर यह खायें.
- रश ईटिंग न करें. खाना खाने के 15 से 20 मिनट के समय को समय की बबार्दी न समझें. सुकून से बैठकर, किताबें हटाकर बिना हड़बड़ी के भोजन करें. रश ईटिंग खाली वजन बढ़ायेगी.
- एग्जाम का कितना भी स्ट्रेस हो, खाली पेट न रहें. नाश्ता करके ही पेपर देने जायें और हल्का ताजा बना घर का खाना खाकर ही घर से निकलें.


Board Exam 2020 विशेष: इस बार बोर्ड की परीक्षा में अच्छे अंक पाने के लिए कैसे लिखें उत्तर


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