Board Exam 2021 And Covid Stress, How To Manage Both: कोविड के आने से बहुत कुछ बदल गया है. एजुकेशन का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा. पढ़ाई के तरीके से लेकर एग्जाम पैटर्न तक इसने क्या कुछ नहीं बदला और बदल दिया स्टूडेंट्स का पढ़ाई का तरीका. फिजिकल क्लासेस तो जैसे गुम सी हो गईं और हर तरफ ऑनलाइन क्लासेस की बयार चल पड़ी. छोटे से लेकर बड़े तक स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक हर क्लास के स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई के लिए इंटरनेट पर निर्भर हो गए.
कोविड की भयावहता हम अब तक बहुत अच्छे से देख चुके हैं पर इसकी दूसरी बुरी बात यह रही कि यह इतना लंबा टिक जाएगा यह किसी ने नहीं सोचा था. साल 2020 के बोर्ड एग्जाम जब इससे प्रभावित हुए तो उस समय यह लगा था कि बस इस साल की बात है अगले साल से चीजें ढ़र्रे पर आ जाएंगी पर ऐसा नहीं हुआ. दिन पर दिन केसेस बढ़ते ही जा रहे हैं साथ ही बढ़ रहा है स्टूडेंट्स का स्ट्रेस क्योंकि परीक्षाओं को लेकर, उनके पैटर्न को लेकर इतनी अस्थिरता है की कुछ भी साफ नहीं. ऐसे में कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखकर स्टूडेंट्स अपने स्ट्रेस को कम कर सकते हैं.
स्वीकार लें इस स्थिति को
किसी भी समस्या का निदान अगर आपके वश में नहीं है तो उसे टैकल करने का पहला तरीका है कि उसे स्वीकर कर लिया जाए. परीक्षा तारीखों को लेकर, परीक्षा के पैटर्न को लेकर कुछ भी साफ नहीं, यह सच है पर यह भी सच है की तैयारी करना आपके हाथ में है. जो होगा उसे समय के अनुसार हैंडल किया जाएगा लेकिन वर्तमान में उसे सोचकर और स्ट्रेस लेकर पढ़ाई का शेड्यूल खराब करने से कोई फायदा नहीं. इतना तो तय है कि परीक्षा कभी भी हो और ऑनलाइन या ऑफलाइन कैसे भी हो, आपकी विषय की तैयारी पक्की होनी चाहिए. इसलिए जो भी कंडीशन है उसे एक्सेप्ट कर लें और आगे बढ़ जाएं.
तैयारी में न हो हीला-हवाली
अभी कुछ दिनों पहले वेस्ट बंगाल के एजुकेशन डिपार्टमेंट ने साल 2021 की बोर्ड परीक्षाओं में ऐसे ही स्टूडेंट्स को पास करने का फैसला सुनाया. आप जिस भी राज्य या बोर्ड के हों अपने एग्जाम्स के लिए भी ऐसे ही किसी फैसले के इंतजार में प्रिपरेशन में कई कसर न छोड़ें वरना अभी जितना स्ट्रेस है ये आगे चलकर और बढ़ जाएगा. किसी भी स्टूडेंट के लिए ज्यादा सेफ है कि वह पढ़ाई कर ले और आगे चलकर जो भी फैसला आए उसे स्वीकार कर ले बजाय इसके कि ऐसी ही किसी दूसरी सुविधा के इंतजार में एंड में दोगुना स्ट्रेस फेस करे.
परीक्षा की तैयारी को आप इसलिए भी फायदे का सौदा मान सकते हैं कि इससे आप कांपटीटिव एग्जाम्स के लिए भी तैयार हो जाते हैं. इसलिए पढ़ाई में कोताही न बरतें. अगर बोर्ड की परीक्षाओं में कुछ बदलता है तो विभिन्न कांपटीटिव एग्जाम्स में यह तैयारी आपके काम आएगी.
मार्च का टारगेट बनाकर करें तैयारी
अभी बहुत से बोर्ड्स ने जैसे सीबीएसई ने भी साल 2021 की बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में कोई सूचना नहीं दी है जो पिछले सालों तक अभी तक साफ हो जाती थी. ऐसे में आप डेटशीट के इंतजार में और उसके न आने के कारण तनाव न बढ़ाएं बल्कि मान कर चलें कि जैसे हर साल परीक्षा होती थी वैसे ही इस साल भी होगी. हालांकि अभी तक विभिन्न राज्यों के बोर्ड्स से जो सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं उनके हिसाब से अधिकतर जगहों पर कोई भी मई महीने के पहले परीक्षा कराने की स्थिति में नहीं है पर आप अपने लिए मई की समय-सीमा न बांधें. अगर आपके बोर्ड की परीक्षाएं मार्च में होती थी या फरवरी में तो उसी अनुसार टारगेट फिक्स करें और समय के अंदर सिलेबस, रिवीजन, मॉक टेस्ट वगैरह खत्म करें. अगर परीक्षा का समय आगे बढ़ता भी है तो यह आपके लिए ऐडेड एडवांटेज होगा, जिसमें आप और पढ़ सकेंगे या सुकून से रह सकेंगे कि आपकी तैयारी पक्की है.
तैयार किए विषय को रिवाइज करने में समय नहीं लगता लेकिन शुरू से शुरुआत करने में बहुत समय लगता है. इसलिए समय से तैयारी पूरी कर लें. कोविड को लेकर फैली अस्थिरता को दूर करना आपके हाथ में नहीं है लेकिन अपनी तैयारी पक्की करना आपके हाथ में है. याद रखिए कि युद्ध कैसा भी हो, कभी भी हो लेकिन एक तैयार सैनिक हमेशा जीत के करीब होता है बजाय बिना तैयारी के मैदान में कूदने वाले सैनिक के. इसलिए स्ट्रेस लेकर समय को बर्बाद न करें बल्कि पढ़कर उसे यूटिलाइज करें.
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