लड़के मैथ्स में लड़कियों से ज्यादा तेज होते हैं! दूर कर लीजिए ये भ्रम, जानिए क्या कहती है ताजा रिपोर्ट
Who Is Better At Maths: अगर आपको भी लगता है कि लड़के मैथ्स विषय में लड़कियों से बेहतर होते हैं तो ये गलतफहमी दूर कर लीजिए. ताजा रिपोर्ट मे खुलासा हुआ है कि लड़कियां ज्यादा अच्छा परफॉर्म कर रही हैं.
Girls Are Better At Maths: एक आम धारणा है कि लड़के गणित विषय में लड़कियों से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करते हैं. जब सवाल हल करने की बारी आती है तो उनकी मैथ्स ज्यादा अच्छी होती है. हालांकि अब इस धारणा को बदलने का टाइम आ गया है. हाल ही में आयी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि अब ये क्रम उल्टा हो गया है और लड़कियां, लड़कों से कही अच्छा परफॉर्म कर रही हैं. यूनीसेफ ने इस धारणा को उल्टा कर दिया है और बताया है कि ताजा डाटा ये बताता है कि अब लड़कियां ज्यादा बेहतर तरीके से सवाल हल कर रही हैं.
बदल जाएगी धारणा
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक यूनिसेफ ने जो डेटा शेयर किया है उसके मुताबिक लड़कियों ने मैथ्स में ज्यादा अच्छा परफॉर्म किया है. ये रिपोर्ट 83 देशों की स्टडी पर आधारित है. यंग लड़के-लड़कियों पर किए गए इस अध्य्यन में ये सामने आया कि 34 देशों में लड़कों ने मैथ्स में अच्छा परफॉर्म किया जबकि 38 देशों में लड़कियों ने मैथ्स में लड़कों से कहीं ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया. करीब 11 देशों में दोनों जेंडर के बीच चुनाव नहीं किया जा सका.
रीडिंग में लड़कियां बेहतर
जहां मैथ्स में अच्छा परफॉर्म करके लड़कियों ने आम धारणा तोड़ी वहीं रीडिंग के मामले में बनी दूसरी धारणा को बल मिला. रीडिंग के लिए ये माना जाता है कि लड़कियां ज्यादा अच्छा करती हैं और स्टडी में ये बात फिर से प्रूफ हुई. 82 देशों की इस स्टडी में फिर साबित हुआ कि लड़कियां रीडिंग में बेहतर हैं क्योंकि 81 देशों में लड़कियों का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा था.
बहुत कम अंतर था जीत का
उन दस देशों में जहां लड़कों ने मैथ्स में लड़कियों से अच्छा परफॉर्म किया उनमें स्विट्जरलैंड सबसे ऊपर है. हालांकि यहां भी जीत का अंतर न के बराबर रहा. लड़कों का स्कोर 84 था और लड़कियों का 83. मोटे तौर पर कहा जाए तो ये अंतर गिनने योग्य भी नहीं है. दस में से 6 जगहों पर लड़कियों ने लड़कों से अच्छा प्रदर्शन किया जबकि तीन जगहों पर वे लड़कों के बराबर रहीं.
ये डाटा स्टेट ऑफ द वर्ल्ड चिल्ड्रंस रिपोर्ट 2023 में पेश किया गया. जिन देशों का डाटा इसमें शामिल नहीं है उसमें चाइना का नाम है और दूसरी साउथ एशियन कंट्रीज का जिसमें इंडिया भी शामिल है.
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