भारत की अर्थव्यवस्था का मुख्य भाग खेती-किसानी से जुड़ा हुआ है. देश की 70% जनसंख्या तो रोजगार के क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एग्रीकल्चर से जुड़ी हुई है. विभिन्न क्षेत्रों में विकास और आधुनिकता के साथ कृषि में भी बदलाव आया है. इसके बावजूद भी आज इस क्षेत्र में युवा शक्ति की कमी है, कहा जा सकता है कि युवाओं के लिए यहां करियर की ढेरों संभावनाएं हैं.


खास तौर से अध्ययन और स्वरोजगार के क्षेत्र में विशेष संभावना है. अगर आप भी हैं किस क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक हैं, तो ये लेख आपके लिए ही है. वैसे एग्रीकल्चर में ग्रेजुएशन, पोस्ट-ग्रेजुएशन, पीएचडी, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध हैं. हम यहां बीएससी एग्रीकल्चर पाठ्यक्रम की बात करेंगे, जिसके बाद आप आप सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में बेहतरीन पदों पर जॉब हासिल कर सकते हैं.


क्या है बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स


12वीं के बाद कृषि में स्नातक के लिए चार साल का कोर्स है, जिसको बीएससी-एग्रीकल्चर/ बीएससी–एग्रीकल्चर (ऑनर्स) कोर्स कहते हैं. इसके लिए योग्यता 12 वीं में एग्रीकल्चर या बायोलॉजी से उतीर्ण होना है. बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स में एग्रीकल्चर के विभिन्न विषयों का अध्ययन वैज्ञानिक पद्धति से करते हैं, जिसमें सेमेस्टर प्रणाली की भूमिका महत्वपूर्ण है. इस दौरान समस्त एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी के विषयों पर गहन अध्ययन, प्रायोगिक और सैद्धांतिक रूप से जानकारी प्राप्त की जाती है.


कहां-कहां मिलते हैं मौके


बीएससी एग्रीकल्चर के बाद आप फार्म मैनेजर, सुपरवाइजर, सॉइल साइंटिस्ट, एंटोमोलॉजिस्ट, पैथोलोजिस्ट, हॉर्टिकल्चरिस्ट, एग्रोनोमिस्ट, मौसम वैज्ञानिक, पशुपालन विशेषज्ञ, एग्रीकल्चरल इंजीनियर, एग्रीकल्चरल कम्प्यूटर इंजीनियर, एग्रीकल्चर फ़ूड साइंटिस्ट, एग्रीकल्चर रिसर्च ऑफिसर, एग्रीकल्चर ऑफिसर, प्लांट फिजियोलॉजिस्ट, सर्वे रिसर्च एग्रीकल्चर इंजीनियर, एन्वॉयरमेंटल कंट्रोल्स इंजीनियर, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, फ़ूड सुपरवाइजर, रिसर्चर, एग्रीकल्चर क्रॉप इंजीनियर, बी कीपर, फिशरी मैनेजर, बोटेनिस्ट, सॉयल इंजीनियर, सॉयल एंड प्लांट साइंटिस्ट, लेब टेक्नीशियन और मीडिया मैनेजर आदि के रूप में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं.


ये हैं प्रमुख जॉब प्रोवाइडर


भारत सरकार व राज्य सरकारों के कृषि से संबद्ध सभी विभाग, आईसीएआर के सभी अनुसंधान केंद्र व स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, कृषि विज्ञान केंद्र, स्टेट एग्रीकल्चर रिसर्च स्टेशन, मृदा जांच केंद्र, राष्ट्रीय बीज निगम, केंद्रीय कृषि पशुपालन मंत्रालय व कृषि विभाग, राज्य कृषि व पशुपालन मंत्रालय व विभाग, जल एवं पर्यावरण मंत्रालय, मौसम विभाग आदि प्रमुख हैं. वहीं, आज कल युवा नौकरी क जगह अपने स्टार्टअप्स और कृषि से जुड़े बिजनेस को गंभीरता से ले रहे है.


 


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