12वीं के बाद गेम डिजाइनिंग में ले लीजिए एडमिशन, किसी IAS से कम नहीं होगी सैलरी
Game Designing: कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी फ्रेंडली हैं और गेम्स में खासी रुचि रखते हैं तो गेम डिजाइनर को बतौर करियर चुन सकते हैं. इसके लिए कोर्स इन संस्थानों से किया जा सकता है.
How to become a game designer: आप भी उन लोगों में से आते हैं जो कंप्यूटर या लैपटॉप पर गेम्स खोलकर बैठते हैं तो घंटो कब बीत जाते हैं पता नहीं चलता? गेम खेलने के अलावा अगर आप उसकी तकनीक में भी उलझते हैं और वहां क्रिएट किए जाने वाले कैरेक्टर खुद भी क्रिएट करना चाहते हैं तो गेम डिजाइनिंग का काम कर सकते हैं. ये काम कंप्यटर के सामने घंटो बिताने वाला है जिसके लिए मेंटली स्ट्रांग कैंडिडेट्स की जरूरत होती है. साथ ही इस काम के लिए आप में क्रिएटिविटी और इमेजिनेशन के साथ ही पेशेंस भी होने चाहिए. ये काम कई बार बहुत टाइम टेकिंग हो जाता है. रुचि रखते हैं तो इस फील्ड के बारे में डिटेल यहां पढ़ लें.
किस प्रकार का काम है ये
गेम डिजाइनर कंप्यूटर प्रोग्राम्स के इस्तेमाल से अलग-अलग कैरेक्टर्स का डिजिटल रिप्रिजेंटेशन तैयार करते हैं. ये स्टोरी बोर्ड तैयार करते हैं जो गेम, एनिमेटेड सीन्स और कैरेक्टर के एक्शन को आउटलाइन करता है. ये गेम सॉफ्टवेयर बनाते हैं जो इन सब को साथ ल सके. गेम डिजाइनिंग में अलग-अलग प्रोग्राम्स का इस्तेमाल इस प्रकार किया जाता है कि या कहें उन्हें इस प्रकार एसेम्बल किया जाता है कि जो गेम या कैरेक्टर आपने सोचा है, वह उसी मुताबिक काम कर सके.
टेक्नोलॉजी की अच्छी जानकारी है जरूरी
ये तकनीकी काम है जिसमें टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर, प्रोग्रामिंग, कोडिंग, कंप्यूटर लैंग्वेज, कंप्यूटर प्रोग्राम्स, ग्राफिक्स वगैरह की अच्छी जानकारी होनी जरूरी है. इन्हें एक टीम के साथ काम करना होता है जिसमें मल्टीमीडिया आर्टिस्ट, एनिमेटर्स, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर डेवलेपर्स वगैरह शामिल होते हैं.
इन पद पर कर सकते हैं काम
इस फील्ड में एंट्री करने के बाद कई पद पर काम किया जा सकता है. इन सभी कि जिम्मेदारियां अलग होती हैं. जैसे लीड डिजाइनर, लेवल डिजाइनर, कंटेंट डिजाइनर, गेम राइटर, सिस्टम डिजाइनर, टेक्निकल डिजाइनर, यूआई डिजाइनर, सॉफ्टवेयर डेवलेपर और सीनियर डिजाइनर.
कैसे बनाएं करियर
इस फील्ड में आने क लिए बैचलर और मास्टर डिग्री ली जा सकती है. गेम डिजाइन, गेम आर्ट, गेम एनिमेशन और गेम प्रोग्रामिंग में बहुत से कोर्स किए जा सकते हैं. इन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए सामान्य तौर पर कैंडिडेट्स को एंट्रेंस एग्जाम देना होता है. ये है एग्जाम्स की सूची जैसे – एनआईडीडीएटी, यूसीईईडी, एआईईईडी और सीईईडी.
कर सकते हैं ये कोर्स
बी. डिजाइन इन गेम डिजाइन, बीवीए इन गेम डिजाइन, बीटेक इन कंप्यूटर साइंस एंड गेम डेवलेपमेंट, बी.डिजाइन इन एनिमेशन कुछ कोर्स हैं जो किए जा सकते हैं. इसी तरह इन कोर्स को अगले लेवल यानी मास्टर लेवल पर भी किया जा सकता है. इस फील्ड में प्रवेश करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ साइंस स्ट्रीम से बारहवीं किए कैंडिडेट्स अप्लाई कर सकते हैं.
ये हैं इंस्टीट्यूट के नाम
आईलीड कोलकाता, पारुल यूनिवर्सिटी, एसआरएमआईएसटी चेन्नई, एरेना एनिमेशन, एएएफटी, आईआईएफए मल्टीमीडिया, एलपीयू जालंधर, चितकारा स्कूल ऑफ आर्ट एंड डिजाइन. कोर्स तीन महीने से लेकर तीन साल तक के हैं. फीस 50 हजार रुपये से लेकर 6 लाख रुपये तक है.
सैलरी कितनी है
गेम आर्टिस्ट के रूप में साल के 2 से 6 लाख रुपये तक कमाए जा सकते हैं. गेम डिजाइनर के रूप में साल के 3 से 5 लाख और गेम डेवलेपर के रूप में साल के 6 से 8 लाख रुपये तक सैलरी पायी जा सकती है. कमाई आपके पद, अनुभव, स्किल्स और कंपनी जैसी बहुत सी चीजों पर निर्भर करती है.
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