करियर को लेकर महिलाओं की सोच में आजकल बहुत बदलाव आया है. अब लड़कियां शुरुआत से ही अपने करियर को लेकर क्लीयर रहती हैं और उसी के मुताबिक आगे पढ़ाई करती हैं. वैसे तो अब हर फील्ड में लड़कियां बहुत अच्छा काम कर रही हैं लेकिन फिर भी कुछ फील्ड ऐसे हैं जो लड़कियों की खास पसंद हैं. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं 5 ऐसे करियर ऑप्शन जहां आप अपनी एजुकेशन, क्रियेटिवटी, पर्सनैलिटी, नेचर और हार्ड वर्क से शानदार काम कर सकती है.


1-पब्लिक रिलेशन एंड एडवरटाइजिंग
पब्लिक रिलेशन या पीआर एक ऐसा फील्ड है, जिसमें अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. अगर आपकी पर्सनैलिटी में ये गुण है तो पीआर में आप अच्छा करियर बना सकती हैं. इस नौकरी के लिए एक्सटोवर्ट नेचर, लोगों को कनविंस करने की क्षमता भी होनी चाहिए. आप 12वीं के बाद या ग्रेजुएशन के बाद पीआर या पीआर और एडवरटाइजिंग में डिप्लोमा या डिग्री कोर्स कर सकती हैं. आजकल हर कंपनी में पीआर के लिए जॉब होता है. इसके अलावा आप तमाम सरकारी डिपार्टमेंट में भी पीआर के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इस जॉब के बाद सालाना पैकेज लाखों में मिलता है.

एडवरटाइजिंग एक क्रियेटिव फील्ड है जिसमें एड के कॉन्सेप्ट, उसकी रिसर्च, स्क्रिप्टिंग, डायरेक्शन से लेकर मार्केट में लॉन्च करने तक का पूरा फील्ड शामिल है. आजकल हर बिजनेस और सर्विस अपने प्रोडक्ट को कंज्यूमर तक लाना चाहती है और सेल बढ़ाने के लिए उसे फेमस भी करना चाहती है. और यही काम एक एडवरटाइजिंग कंपनी करती है. अब एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री सिर्फ प्रिंट, टीवी या रेडियो तक सीमित नहीं है. डिजिटल वर्ल्ड में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर एडवरटाइजिंग का स्कोप बहुत बढ़ गया है. इस फील्ड में कॉपीराइटर्स, ग्राफिक डिजायनर, फोटोग्राफर, क्लाइंट सर्विसिंग, मार्केट रिसर्च और मीडिया प्लानिंग से जुड़ी नौकरियों के अच्छे ऑप्शन हैं. एडवरटाइजिंग का कोर्स करने के बाद शुरुआत में हर महीने 20-25 हजार की सैलरी मिल जाती है और बाद में अच्छा काम करने और एक्सपीरिएंस के आधार पर काफी अच्छे पैसे मिलते हैं.


एडवरटाइजिंग एंड पीआर कोर्स

बीए इन एडवरटाइजिंग एंड ब्रांड मैनजमेंट
बीए इन एडवरटाइजिंग एंड पीआर
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एडवरटाइजिंग एंड पीआर
डिप्लोमा इन एडवरटाइजिंग एंड मार्केटिंग कम्युनिकेशन


कोर्स कहां से करें-
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली
द मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, अहमदाबाद
भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली
जामिया मिलिया इस्लामिया , नई दिल्ली
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डिजायन

2-एयर होस्टेस
एयर होस्टेस या केबिन क्रू एविएशन इंडस्ट्री के प्राइम जॉब्स में आता है. एयरहोस्टेस की नौकरी भी लड़कियों के एक अच्छा करियर है. खासकर वो लड़कियां जिनकी पर्सनैलिटी अट्रेक्टिव हो, लैंग्वेज पर अच्छी कमांड हो उनके लिए एयर होस्टेस की जॉब बेहतरीन चॉइस हो सकती है. एयर होस्टेस के जॉब को भी काफी ग्लैमरस माना जाता है. एयर होस्टेस का काम पैसेंजर्स की सर्विस, उनको कंफर्ट देना और सेफ्टी का ध्यान रखना है. तेजी से बढ़ती एविएशन इंडस्ट्री में एयर होस्टेस की डिमांड लगातार बढ़ रही है. किसी भी स्ट्रीम से 12वीं करने के बाद करने के बाद आप एयर होस्टेस का कोर्स कर सकती हैं. इस प्रोफाइल के लिए एज लिमिट 17 से 26 साल है, साथ महिला कैंडिडेट की लंबाई 5 फुट और 2 इंच होनी चाहिए.


इस कोर्स को करने के लिए आप ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में डायरेक्ट एडमिशन ले सकते हैं और उसके बाद एयरलाइंस में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं. एयर होस्टेस की सैलरी शुरु में 20-25 हजार तक होती है और इंटरनेशनल एयर होस्टेस की सैलरी और ज्यादा होती है


इंस्टीट्यूट

फ्रैंकलिंन इंस्टीट्यूट ऑफ एयर होस्टेस
जेट एयरवेज ट्रेनिंग एकेडेमी
यूनिवर्सल एविएशन एकेडेमी
द बॉम्बे फ्लाइंग क्लब कॉलेज ऑफ एविएशन

3-नर्सिंग
ज्यादातर हॉस्पिटल में आपने नर्स महिला ही देखी होंगी, हालांकि नर्स महिला पुरुष दोनों में से कोई भी हो सकता है लेकिन पुराने टाइम से ही इंडिया में नर्सिंग का प्रोफेशन महिलाओं से जुड़ा रहा है इसलिए आज भी नर्सिंग का कोर्स महिलाओं के बीच काफी डिमांड में है. जो महिलाएं मेडिकल फील्ड में करियर बनाना चाहती है उनके लिए नर्सिंग एक अच्छा फील्ड है. इस प्रोफेशन में काम करने के घंटे लगभग फिक्स होते हैं, हालांकि ड्यूटी 24 घंटे में कोई सी भी हो सकती है. नर्स का काम डॉक्टर और पेशेंट दोनों को असिस्ट करना है. एक नर्स डॉक्टर के निर्देशों को फोलो करती है साथ ही मरीज का ख्याल रखना , उनकी हेल्थ को मॉनीटर करना, टाइम पर दवा और जरूरी चेकअप करने का काम भी करती है. प्रोफेशनल होने के साथ केयरिंग नेचर का होना भी नर्सिंग के लिए अच्छा है. ये जॉब महिलाओं के लिए एक रिसपेक्टफुल जॉब है और इसमें सैलरी भी अच्छी मिलती है.


नर्सिंग के लिए 12वीं के बाद कई डिप्लोमा और डिग्री कोर्स मौजूद हैं


एएनएम( ऑग्जिलरी नर्सिंग एंड मिडवाइफ)- ये नर्सिंग का बेसिक कोर्स है जिसकी ड्यूरेशन 18 महीने है और इसे 12वीं में साइंस साइड लेने के बाद किया जा सकता है. इस कोर्स को करने के लिए एक एंट्रेंस एग्जाम देना पड़ता है जिसे नर्सिंग एंट्रेंस बोर्ड कंडक्ट कराता है.

जीएनएम( जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफ)- ये नर्सिंग का एडवांस कोर्स है जिसको 3.5 साल में पूरा किया जाता है. इस कोर्स को करने के लिए भी एंट्रेंस देना पड़ता है जिसको नर्सिंग एंट्रेंस बोर्ड ही कराता है.


बीएससी इन नर्सिंग- ये 4 साल की डिग्री है और इसे  नर्सिंग की पूरी क्वालिफिकेशन माना जाता है. बीएससी में एडमिशन लेने के लिए 12वीं में साइंस साइड जरुरी है और कई यूनिवर्सिटी एडमिशन से पहले टेस्ट लेती हैं. बीएससी के बाद आप चाहें तो डिग्री के लिए एमएससी इन नर्सिंग भी कर सकते हैं.


डिस्टेंस मोड में इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिंटी से दो साल का नर्सिंग का डिप्लोमा किया जा सकता है. एम्स जैसे बड़े संस्थान में नर्सिंग के डिप्लोमा के लिए अलग से टेस्ट होता है


नर्सिंग का डिप्लोमा या डिग्री लेने के बाद आप सभी सरकारी अस्पताल और प्राइवेट हॉस्पिटल,सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी इंडियन नर्सिंग काउंसिल, स्टेट नर्सिंग काउंसिल में काम कर सकती हैं.


4-एचआर

ह्यूमन रिसोर्स का जॉब सिर्फ लड़कियों के लिए नहीं है लेकिन इस ये जॉब का नेचर ऐसा है जो महिलाओं को खास तौर पर सूट करता है इसीलिए बड़ी बड़ी कंपनियों में एचआर का रोल महिलाओं के पास है। दरअसल एचआर का प्रोफाइल मेनली कॉर्पोरेट कंपनियों में होता है. 9 से 5 की नौकरी होती है और ज्यादातर वीकेंड पर छुट्टी होती है. इस जॉब में रिसपेक्ट और पॉवर दोनों है, साथ ही सैलरी भी अच्छी होने की वजह से महिलाओं को एचआर का जॉब खूब पसंद आता है.

किसी भी ऑर्गेनाइजेशन में एच आर का काम वहां काम करने के लिए अच्छे लोगों को रिक्रूट करना, उनकी ग्रोथ पर काम करना है. एचआर कंपनी में काम करने वाले लोगों के लिए पॉलिसी बनाती है और कंपनी के ह्यूमन रिसोर्सेज को मैनज करने का काम है. आजकल हर छोटी बड़ी कंपनी में एचआर का जॉब प्रोफाइल होता है और ये फील्ड तेजी से बढ़ भी रहा है.

क्वालिफिकेशन- एचआर के लिए सबसे अच्छी डिग्री एमबीए इन एचआर है. एमबीए मास्टर डिग्री है और इसके लिए ग्रेजुएट होना जरुरी है इसके अलावा कुछ डिग्री और डिप्लोमा ग्रेजुएशन लेवल पर भी है. एमबीए के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनजमेंट( आईआईएम) से एचआर में डिग्री ली जा सकती है. हालांकि आईआईएम्स देश के सबसे प्रिस्टीजियस इंस्टीट्यूट है और इनमें एडमिशन आसानी से नहीं मिलता. आईआईएम से एमबीए करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम पास करना जरूरी है.


आईआईएम की सभी ब्रांच( अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ,इंदौर, ) के अलावा और भी सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज हैं जहां से एमबीए इन एचआर की डिग्री ली जा सकती है. आईआईएम्स से एमबीए करने के बाद सैलरी लाखों में होती है और बाकी जगह भी एचआर की नौकरियों में अच्छे पैसे मिलते हैं.

5-टीचिंग
टीचिंग का जॉब भले ही पुराना प्रोफेशन हो लेकिन आजकल के टाइम में भी सबसे ज्यादा रिसपेक्टफुल और रेपुटेड काम माना जाता है. टीचिंग की नौकरी आज भी महिलाओं की सबसे पसंदीदा नौकरी है. युवा लड़कियां भी टीचिंग लाइन में जाने की प्लानिंग करती है तो उसके पीछे खास वजह है इस नौकरी में मिलने वाली सुविधाएं. सबसे पहले तो टीचर बनने के लिए कई लेवल हैं और आप अपनी क्वालिफिकेशन के आधार पर नौकरी के लिए अप्लाई कर सकती हैं. दूसरा टीचिंग की जॉब में काम करने के फिक्स घंटे होते हैं. और वीकेंड के अलावा सभी सरकारी और दूसरी बड़ी छुट्टियां भी मिलती हैं. टीचिंग ही बस एक ऐसा जॉब है जिसमें समर और विंटर वैकेशन होता है. और इन सारे प्लस प्वांइट के अलावा अब इस नौकरी में सैलरी भी बहुत अच्छी है. महिलाएं टीचिंग के जॉब को इसीलिए प्रेफरेंस देती हैं कि वो इसमें अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ दोनों को अच्छी तरह मैनेज कर पाती हैं.


क्वालिफिकेशन- टीचिंग लाइन में प्राइमरी, टीजीटी, पीजीटी, अस्सिटेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर जैसे प्रोफाइल होते हैं और इनके लिए अलग अलग क्वालिफिकेशन की जरूररत होती है.


प्राइमरी लेवल पर पढ़ाने के लिए बीएड, बीटीसी या एनटीटी का एग्जाम पास करना जरुरी है. गवर्नमेंट वेकेंसीज के लिए इन कोर्स में और आपकी बाकी एजुकेशन के बेसिस पर मेरिट पर सलेक्शन होता है या कहीं कहीं टेस्ट के जरिये भर्ती होती हैं.


हाइस्कूल लेवल पर सरकारी टीचर बनने के लिए ग्रेजुएशन के साथ साथ बीएड कोर्स जरूरी है. इसके अलावा सेंट्रल गवर्नमेंट वाले स्कूल के लिए सीटैट और राज्य स्तर वाले स्कूल के लिए एसटैट पास करना भी जरूरी है।


अस्सिटेंट प्रोफेसर के लिए मास्टर डिग्री के साथ नेट( नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट)  पास करना जरूरी है. नेट का टेस्ट यूजूसी साल में दो बार कराती है। इस टेस्ट को निकालने के बाद अस्सिटेंट प्रोफेसर के लिए टेस्ट या कभी कभी सीधे इंटरव्यू के आधार पर सलेक्शन होता है.


प्रोफेसर की पोस्ट के लिए पीएचडी होना जरूरी है. प्रोफेसर के लिए डायरेक्ट इंटरव्यू होते हैं और कई बार अपनी ऑर्गेनाइजेशन में असिस्टें प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर एक्सपीरिएंस और प्रमोशन के आधार पर भी प्रोफेसर अपॉइंट किये जाते हैं.


Kaun Banega Crorepati: अमिताभ बच्चन द्वारा शो में पूछे जा चुके हैं ये प्रश्न


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