Career In Ayurveda: करियर की चिंता छात्रों के लिए सबसे बड़ी चिंता होती है. हाल ही में कई राज्यों की बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट आए हैं. ऐसे में छात्रों को अब इस बात की परेशानी है कि वह आगे जीवन में क्या करें. कौन से कोर्स करें जिनमें आगे चलकर उनका अच्छा करियर बन सकता है. बहुत से छात्रों का रुझान इंजीनियरिंग की तरफ होता है. तो कई छात्र आईटी सेक्टर में जाना पसंद करते हैं.


बहुत से छात्रों का रुझान मेडिकल लाइन की ओर भी होता है. इसलिए भारत में एमबीबीएस करने के लिए हर साल लाखों की तादाद में लोग फॉर्म भरते हैं. लेकिन अब छात्रों का रूझान बीएएमएस की ओर भी काफी बढ़ा है. छात्र आयुर्वेद में भी अपना अच्छा कैरियर बना सकते हैं. 12वीं के बाद कौन से कोर्स आयुर्वेद में करियर बनाने में मदद कर सकते हैं. चलिए जानते हैं. 


BAMS की डिग्री लेनी होती है


आयुर्वेदिक को भी अब दुनिया भर में पहचान मिल चुकी है. बहुत से लोग एलोपैथिक इलाज की जगह आयुर्वेदिक इलाज और आयुर्वेदिक दवाइयां का इस्तेमाल करते हैं. आयुर्वेदिक की पढ़ाई को बीएएमएस (BAMS) यानी बैचलर आफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी कहा जाता है.


इसका कोर्स साढ़े पांच साल का होता है. जिसमें 4.5 साल पढ़ाई होती है .तो वहीं आखिरी के 1 साल इंटर्नशिप करनी होती है. एमबीबीएस की तरह ही इसमें भी एडमिशन नीट के सहारे ही मिलता है. जो छात्र 12वीं के बाद नीट की परीक्षा क्वालीफाई कर लेते हैं उन्हें आयुर्वेदिक की पढ़ाई करने का मौका मिल पाता है. 


कौन से कॉलेज हैं बेहतर?


कोई भी डिग्री लेना सिर्फ डिग्री हासिल करना भर ही नहीं होता बल्कि वहां अच्छे माहौल में पढ़ाई करना भी होता है. बीएएमएस की डिग्री के लिए छात्रों के लिए टॉप कॉलेज की बात की जाए तो. राजीव गांधी यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंस बैंगलोर सबसे बढ़िया विकल्प है.इसके साथ ही बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंसेज आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान, नागपुर भी अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं.


अगर वहीं कोई दिल्ली से बीएमसी की डिग्री हासिल करना चाह रहा है तो उसके लिए गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय अच्छा विकल्प हो सकता है. इसके अलावा भी अलग-अलग राज्यों में बहुत से सरकारी और प्राइवेट मेडिकल काॅलेज होते हैं. जहां से छात्र BAMS की पढ़ाई कर सकते हैं. 


क्या हैं करियर ऑप्शन?


BAMS की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों के लिए बहुत करियर ऑप्शन मौजूद है.  वह चाहे तो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद डिग्री लेकर अपना खुद का क्लीनिक शुरू कर सकते हैं उसमें वह निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं. या फिर वह किसी प्राइवेट हॉस्पिटल या फिर सरकारी अस्पताल में काम कर सकते हैं. इसके साथ ही वह लेक्चर के लिए अप्लाई कर सकते हैं.  फार्मासिस्ट बनकर आयुर्वेदिक मेडिकल खोल सकते हैं.  


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