कुछ स्टूडेंट्स आर्थिक समस्या की वजह से 10वीं या 12वीं के बाद ही जॉब ढूंढना शुरू कर देते हैं. कम क्वालिफिकेशन की वजह से उन्हें ज्यादा वेतन पर नौकरी नहीं मिल पाती है. लेकिन अगर ऐसे छात्र किसी अच्छे इंस्टीट्यूट से कुछ कोर्स करें तो वे 10वीं और 12वीं पास करने के बाद भी अच्छी सैलरी पर नौकरी पा सकते हैं. बता दें कि इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (ITI) कुछ ऐसे ही इंडस्ट्रीयल कोर्स ऑफर करती है. इन आईटीआई कोर्सेज के बाद छात्रों को सरकारी और प्राइवेट जॉब के कई विकल्प मिल जाते हैं. इतना ही नहीं आईटीआई कोर्स करने के बाद वे खुद का बिजनेस शुरू कर महीने के हजारों रुपये कमा सकते हैं. चलिए यहां हम आपको बताते हैं कि आईटीआई कोर्स के बाद करियर के लिए कहा-कहां संभावना है.
ITI के बाद करियर की काफी संभावना होती है
ITI का मुख्य उद्देश्य भारत में स्किल्ड वर्कफोर्स का विकास करना है. भारत भर में प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर दोनों में कई आईटीआई हैं जो छात्रों को प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रदान करते हैं. ITI द्वारा ऑफर किए गए कोर्सेस को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद छात्रों को नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट (NTC) प्रदान किया जाता है. आईटीआई का मुख्य उद्देश्य आठवीं से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को टेक्निकल ट्रेनिंग देकर नौकरी के लिए तैयार करना है. एक बार जब छात्र अपना कोर्स पूरा कर लेता है, तो आईटीआई के बाद करियर बनाने की काफी गुंजाइश होती है.
ITI कितने प्रकार की होती है
ITI दो तरह की होती है. पहली इंजीनियरिंग ट्रेड जिसमें ट्रेंड टेक्नोलॉजी से जुड़े साइंस और टेक्निक की ट्रेनिंग दी जाती है और दूसरी नॉन इंजीनियरिंग ट्रेड. इसमें ट्रेक्निकल ट्रेनिंग कम होती है. कैंडिडेट्स ट्रेनिंग के बाद ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट देते हैं और इस टेस्ट में सफल होने वाले स्टूडेंट्स को नेशल ट्रेड सर्टिफिकेट दिया जाता है.
ITI में एडमिशन कैसे लें?
हर वर्ष जुलाई के महीने में आईटीआई के एडमिशन फॉर्म मिलने शुरू हो जाते हैं. आईटीआई की आधिकारिक वेबसाइट https://iti.nic.inपर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. इस प्रक्रिया के बाद पास के आईटीआई में जाकर अपने सर्टिफिकेट वेरिफाई करवाएं. डॉक्यूमेंट्स सत्यापित हो जाने के बाद मेरिट लिस्ट जारी की जाती बै जिसके आधार में आईटीआई में एडमिशन मिलता है. अच्छे मार्क्स वालों के एडमिशन के चांसेस ज्यादा रहते हैं. मार्क्स के आधार पर कोर्स चुनने का ऑप्शन भी मिलता है, कई प्राइवेट इंस्टीट्यूट 10वीं और 12वीं के मार्क्स के आधार पर सीधे एडमिशन देते हैं वहीं ITI सरकारी कॉलेज में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा की आयोजित करती हैं. आईटीआई के सेशल अगस्त से शुरू हो जाते हैं.
ITI कोर्स करने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
ITI कोर्सेस में एडमिशन के लिए कैंडिडेट्स को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास होना चाहिए. 12वीं पास छात्र भी आईटीआई कोर्स कर सकते हैं. आईटीआई में एडमिशन के लिए मिनिमम उम्र सीमा 14 वर्ष और अधिकतम 25 है. इसमें रिजर्व, पूर्व सैनिकों, सैनिकों की विधिवाधों और दिव्यांग छात्रों को उम्र सीमा में छूट दी गई है जबकि विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के लिए अधिकतम उम्र सीमा 35 वर्ष है.
कितनी अवधि का होता है ITI कोर्स
ITI कोर्स की अवधि 6 महीने, 9 महीने, 1 साल या 2 साल तक होती है.
फीस- आईटीआई कोर्स की फीस 7 हजार रुपये प्रति वर्ष से लेकर 30 हजार रुपये प्रति वर्ष तक होती है. सरकारी कॉलेज में आईटीआई कोर्स के लिए कम फीस होती है वहीं प्राइवेट कॉलेज में फीस ज्यादा होती है.
ITI पास कैंडिडेट्स के लिए नौकरी के मौके
ITI पास छात्रों को रेलवे, इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड, ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीय, एनटीपीसी, भेल, पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड दूरसंचार, इंडियन आर्मी और सीआरपीएफ जैसी पैरा मिलिट्री फोर्स और आयल एंड नेचुरल गैर कार्पोरेशन लिमिटेड में भी नौकरी पा सकते हैं.
सैलरी- आईटीआई में सर्टिफिकेट या डिप्लोमा करने के बाद शुरुआती वेतन 10 हजार से 12 हजार रुपए तक वेतन मिलता है. हालांकि अभ्यर्थी की सैलरी कोर्स, संस्थान पर भी डिपेंड करता है.
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