Career in Retail Management: रिटेल मैनेजमेंट में बनाएं करियर, अच्छी सैलरी के साथ होगी तेजी से तरक्की
Retail Management: अगर आप भी इस रिटेल फील्ड में शानदार करियर बनाना चाहते हैं तो यहां आपको इससे संबधित पूरी जानकारी मिलेगी.
Make a Career in Retail Management: पूरी दुनिया में प्रौद्योगिकीय उन्नति जिस रफ्तार से बढ़ रही है उससे करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की राह मिली है. तकनीकी परिवर्तनों के कारण इस क्षेत्र को व्यवसाय में नए आयाम मिले हैं. इस कारण रोजगार अवसरों की नई संभावनाएं बनी है . वैश्विक महामारी कोरोना के बाद इसमें और तीव्रता देखी गई है . ई-कॉमर्स सेक्टर का दायरा बढ़ने के साथ ही यहां 100 फीसदी एफडीआई की अनुकूल नीति के साथ ही खरीदारों का दायरा निरंतर बढ़ रहा है. कई छोटी-बड़ी कंपनियों के रिटेल बिजनेस में आने के कारण जो युवा कुशल हैं, उन्हें उज्जवल करियर बनाने के सुनहरे अवसर प्राप्त हो रहे हैं .
रिटेल मैनेजमेंट का संबंध किसी समय में डोर टू डोर डिलीवरी से था लेकिन यह अब पूरी तरह परिवर्तित हो चुका है, ऑनलाइन शॉपिंग डिजिटल पेमेंट इत्यादि नई सुविधाओं के कारण इस क्षेत्र के जानकारों की मांग बढ़ी है. रिटेल मैनेजमेंट ग्राहक की संतुष्टि एवं समय की बचत को सुनिश्चित करने के साथ ही यह भी तय करता है कि इसके द्वारा ग्राहक अपनी पसंद की वस्तुएं खरीद सके.
रिटेल मैनेजमेंट के क्षेत्र में आप ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं. कुछ इंस्टिट्यूट इंटरनेशनल बिजनेस के साथ फॉरेन ट्रेड में ग्रेजुएशन कोर्स भी कराते हैं. एमबीए करना चाहते हैं तो आपको कैट मैट कैट मैट सैट के द्वारा इसमें प्रवेश मिलता है. कुछ इंस्टिट्यूट में प्रवेश के लिए मेरिट व साक्षात्कार भी मान्य होता है. भारत में प्रत्येक वर्ष रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा कॉमन टेस्ट लिया जाता है. जिससे छात्रों को इस फील्ड से जुड़े संस्थानों में आसानी से प्रवेश मिल सकता है इंटरमीडिएट में 50 फ़ीसदी अंकों के साथ इस फील्ड के किसी भी कोर्स में प्रवेश लिया जा सकता है. मास्टर डिग्री डिप्लोमा व पीजी डिप्लोमा में दाखिले के लिए स्नातक होना अनिवार्य है, ग्रुप डिस्कशन व साक्षात्कार की प्रक्रिया भी कोर्स का हिस्सा है.
आपको यहां कुछ टॉप ऑप्शंस के विषय में बताया गया है इसके अतिरिक्त युवा अपनी योग्यता के अनुसार लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग कम्युनिकेशन मैनेजर रिटेल मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव जैसे अन्य पदों पर भी अपनी योग्यता सिद्ध कर सकते हैं . कोर्स पूरा करने के बाद उम्मीदवार छात्र कस्टमर सेल्स एसोसिएट के तौर पर किसी भी कंपनी में अपना करियर शुरू कर सकते हैं. कस्टमर सेल्स एसोसिएट को प्रोडक्ट शॉप और कस्टमर के विषय में अनिवार्य समझ होनी चाहिए. स्टोर मैनेजर को जनरल मैनेजर या स्टोर डायरेक्टर भी कहा जाता है. स्टोर मैनेजर के पास वेतन देने से कर्मचारियों की देखरेख आदि जिम्मेदारी होती है. स्टोर मैनेजर रीजनल मैनेजर को रिपोर्ट करता है, रिटेल मैनेजर कंपनी का आउटलेट प्लान तैयार करने के साथ ही वह आर्डर और स्टॉक मॉनिटरिंग के प्रति भी जिम्मेदार होता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
मंगलायतन विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन और वाणिज्य संस्थान के हेड प्रो. (डॉ.) राजीव शर्मा ने बताया कि रिटेल मैनेजमेंट में छात्र अपना सुनहरा भविष्य बना सकते हैं. इस कोर्स को करने के बाद फ्रेशर्स को 30 -40 हजार के बीच सैलरी मिलती है. जबकि कुछ वर्षों के अनुभव के बाद रिटेल मैनेजर का सालाना औसत वेतन 60 - 80 हजार पहुंच जाता है. उसके बाद जैसे-जैसे अनुभव और बढ़ता है, कैंडिडेट की सैलरी वैसे-वैसे बढ़ती है. इसके अतिरिक्त कंपनियों में कार्य करने के अन्य फायदे जैसे- इंसेंटिव बोनस आदि भी मिलते हैं.
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