कोरोना लॉकडाउन के बाद इन क्षेत्रों में मिलेंगे करियर के अवसर
कोरोना और लॉकडाउन के चलते बाकी परेशानियों के अलावा आर्थिक संकट और ग्लोबल मंदी की चर्चा भी जोरों पर है. अधिकतर लोग करियर को लेकर परेशान हैं, ऐसे में हम आपके लिये लाये हैं कुछ क्षेत्रों की सूची जिनमें इस माहौल के बावजूद संभावनाएं दिख रही हैं
Career Options After Corona Lockdown: कोरोना और उसके बचाव के लिये किये गये लॉकडाउन ने काफी कुछ बदल दिया है. दुनिया के जीने का तरीका ही बदला जा रहा है. कुछ चीजें आम जीवन से गायब सी हो गयी हैं और कुछ ने अपनी जगह मजबूती से बना ली है जैसे टेक्नोलॉजी, इंटरनेट, सोशल मीडिया, वर्चुअल वर्ल्ड, वर्क फ्रॉम होम आदि.
कुछ बिजनेस जहां ठप्प पड़ गये वहीं इस विकट समय में भी कुछ क्षेत्रों में बूम देखा गया क्योंकि वो आधारभूत जरूरतों से जुड़े हुये थे. वर्तमान समय में एक अहम सवाल यह है कि लॉकडाउन के बाद भविष्य किस क्षेत्र में है. कहां नौकरियां मिल सकती हैं. ऐसे ही कुछ क्षेत्रों की सूची हम लाये हैं आपके लिये.
कृषि तकनीक - परिस्थितियां चाहें जैसी हों इंसान भोजन करना नहीं बंद करता इसीलिये यह क्षेत्र हमेशा उछाल ही मारेगा. हालांकि किसान सुविधाओं के न होने से खासा परेशान रहते हैं पर इस कृषि के साथ जब तकनीक को जोड़ दिया जायेगा तो इसमें कोई शक नहीं कि यह क्षेत्र संभावनाओं से भरपूर हो जायेगा.
तकनीकी सेक्टर – लॉकडाउन के इस समय में हमने बहुत करीब से देखा कि तकनीकी ही वह तरीका था जिससे पढ़ाई से लेकर नौकरियां तक चल रही थी. वर्क फ्रॉम होम हो या ऑनलाइन क्लासेस संचार की वैल्यू किसी सी छिपी नहीं. इसे देखते हुये कह सकते हैं कि आने वाले समय में एचआर टेक जैसे जीरो टच पैरोल और जियो फेसिंग का प्रयोग और बढ़ेगा. इस लिहाज से यह क्षेत्र भी संभावनाओं भरा दिखता है.
एजुकेशन – समय कैसा भी हो एजुकेशन एक ऐसा क्षेत्र है जिसे लेकर सब चिंतिंत रहते हैं और जो किसी कीमत पर रोकी नहीं जा सकती. आजकल भी तमाम तरीके अपनाये जा रहे हैं कि स्टूडेंट्स की शिक्षा में रुकावट न आये. इन्हें देखते हुये कह सकते हैं कि हालात कैसे भी हों शिक्षा निरंतर चलने वाला क्षेत्र है.
हेल्थ केयर – इस लॉकडाउन के समय में हमने देखा कि कैसे डॉक्टर, नर्स और इस फील्ड से जुड़े सभी लोग भगवान बन गए. साथ ही यह भी सामने आया कि समय जब बुरा होता है तो इनकी मांग में कमी नहीं आती बल्कि इनकी मांग बढ़ जाती है. ऐसे में इस क्षेत्र में जाने का निर्णय किसी लिहाज़ से गलत नहीं लगता. हालांकि इस बीच मेडिकल से जुड़े लोगों का संघर्ष भी हमारे सामने आया पर इनके बिना काम भी नहीं चल सकता.
फार्मा – इस क्रम में अगला नाम फार्मा कंपनीज़ और उनसे जुड़े छोटे-बड़े कामों से हैं. लॉकडाउन हो या मंदी, दवाइयों का बाजार बहुत बड़ा है. किसी भी कंडीशन में न दवाइयां बनना बंद होती हैं न बिकना. अगर हम कहें कि फार्मा का बिजनेस सालों-साल लाभ देने वाला है तो अतिश्योक्त नहीं होगी.
भोज्य पदार्थ – खाने – पीने की आवश्यक वस्तुओं के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. यह भी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कभी गिरावट नहीं आने वाली. कितनी भी विषम स्थिति हो भोज्य पदार्थ बनाने और बेचने वाली कंपनियां, फुटकर व्यापारी इन सब का काम नहीं रुकता.
अब आयेगी स्वदेशी की बारी - लॉकडाउन के दौरान उपजी स्थितियों ने शायद भारतीय जनता ही आंखें खोल दी हैं और ऐसी आशा है कि इस महामारी के गुजरने के बाद स्वदेशी सामानों की बिक्री बढ़ेगी. मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया जोर पकड़ेगा. इस क्रम में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
बैंकिंग और फाइनेंस – इस सूची में अगला नाम आता है बैंकिंग और फाइनेंस का. यह भी एक ऐसा सेक्टर है जिसमें गिरावट न देखने को मिली न निकट भविष्य में ऐसी कोई संभावना नजर आ रही है. बल्कि इस कठिन समय में लोग अपने पैसे को सुरक्षित करने और बढ़ाने के लिये इन्हीं सेक्टर्स पर निर्भर हैं.
कुल मिलाकर हम ऐसी उम्मीद कर सकते हैं कि कोरोना का यह तूफान अपने साथ सब बहाकर नहीं ले जायेगा, कुछ क्षेत्रों में संभावनाओं के द्वार खुले रहेंगे.
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