समय के साथ सामाजिक गतिविधियों में तेजी आई है. सोशल मीडिया के कारण सोशल कनेक्टिविटी बढ़ी है. ऐसे में मानव व्यवहार पर पैनी नजर रखने वालों के लिए करियर की असीम संभावनाएं पैदा हुई हैं. यकीन जानिए सोशल साइंस में आपकी रुचि सिविल सर्वेंट से लेकर पॉलिटिकल साइंटिस्ट और इकॉनोमिस्ट बनने जैसे कई बेहतरीन मौके पैदा कर सकती है.
सिविल सर्वेंट
सोशल साइंस में पढ़ाई करने वालों के लिए सिविल सर्विस एक बेहतर विकल्प है. इस सेवा के दौरान लोगों से जुड़कर उनके लिए काम करना होता है. सोशल साइंस की पढ़ाई सिविल सर्विस की तैयारी में जहां मददगार साबित होती है वहीं तैयारी के बाद सेवा के दौरान भी समाज के विभिन्न तबकों के प्रति समझ विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
इकॉनोमिस्ट
सोशल साइंस एक ऐसा विषय है मानव के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पक्षों का का अध्ययन करता है. अब मानव व्यवहार के आर्थिक पक्ष को भी सोशल साइंस का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाने लगा है. सोशल साइंस की पढ़ाई के दौरान आपको महंगाई, रोजगार, मुद्रास्फीति, गरीबी, टैक्सेशन जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों पर रिसर्च का मौका मिलता है जो आपको एक बेहतर इकॉनोमिस्ट बनने में मदद कर सकता है.
रिसर्चर
ग्रेजुएशन के बाद सोशल साइंस की पढ़ाई जारी रखते हुए आप रिसर्च के क्षेत्र में उतर सकते हैं. यह क्षेत्र काफी व्यापक है. रिसर्च का दायरा एनजीओ, थिंक टैंक, सरकारी विभाओं, शिक्षण संस्थाओं, वैज्ञानिक और अनुसंधान संस्थानों आदि में बढ़ता जा रहा है. इसलिए इस क्षेत्र में अब पहले से ज्यादा संभावनाएं दिख रही हैं.
अर्बन एंड रीजनल प्लानर
देशभर में शहरों का कायाकल्प किया जा रहा है. 200 से ज्यादा शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है. ऐसे में अर्बन और रीजनल प्लानर जैसे एक्सपर्ट्स की मांग तेजी से बढ़ी है.
पॉलिटिकल साइंसटिस्ट
सोशल साइंस युवाओं को करियर के कई रास्ते प्रदान करता है, पॉलिटिकल साइंटिस्ट उनमें से एक है. राजनीति में गहरी रुचि रखने वालों के लिए यह एक बेहतर करियर है. इसके लिए नेताओं, राजनीतिक पार्टियों और उनकी आइडियोलॉजी, चुनावी सरगर्मियां, आंकड़ों आदि का विश्लेषण करने के अलावा पॉलिटिकल टेंड आदि पर भी पैनी नजर रखनी होती है.
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