(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दिल्ली: 2023 तक बदल सकता है सीबीएसई का 10वीं और 12वीं परीक्षा का पैटर्न
सीबीएसई ने साल 10वीं और 12वीं के परीक्षा पैटर्न में बड़े बदलाव लाने का निर्णय किया है. एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने स्कूल शिक्षा शिखर सम्मेलन समारोह आयोजित किया था.
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं के परीक्षा पैटर्न में बदलाव करने का निर्णय किया है. बोर्ड का कहना है कि बदलाव का कारण छात्रों में क्रिएटिव और एनालिटिकल सोच को बढ़ावा देना है. साल 2023 तक ये बदलाव लाया जाएगा. एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने स्कूल शिक्षा शिखर सम्मेलन समारोह आयोजित किया था. वहीं पर इस बात की जानकारी सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने दी.
सीबीएसई के बोर्ड सचिव अनुराग गुप्ता ने बताया कि इस साल 10वीं और 12वीं में 20 प्रतिशत ऑब्जेक्टिव प्रश्न और 10 प्रतिशत प्रश्न क्रिएटिव थिंकिंग पर आधारित होंगे. जिससे बच्चों की सोचने और समझने की स्किल डेवलप होगी. उन्होंने कहा कि टीचर्स, पैरेंट्स और बच्चों के बीच आपसी संबध को बढ़ावा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वोकेशनल सब्जेक्ट को 5 भागों में बांटने की जरूरत है.
त्रिपाठी ने सुझाव दिया कि सभी स्कूलों को 1 से 8वीं क्लास में पढ़ रहे बच्चों को मुफ्त सेमस्टर देना चाहिए. टीचर्स को उन स्टूडेंट्स पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है जो कि कमजोर हैं. साथ ही टीचर्स को भी समय-समय पर अपडेट होना जरूरी है.
वहीं ट्रेनिंग और स्किल एज्युकेशन के निदेशक विश्वजीत साहा ने कहा कि सभी स्कूलों को स्टूडेंट्स की एबिलिटी पर ध्यान केंद्रित करने जरूरत है बजाय इसके कि स्टूडेंट्स रोजगार पर ध्यान दें. साहा ने कहा कि स्कूलों को टीचर्स को ट्रैनिंग देने की जरूरत है. जिससे सिस्टम जल्दी अपग्रेड हो सके. साथ-साथ माता-पिता को बच्चों पर ध्यान देना होगा. एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया के चैयरमेन प्रशांत भल्ला ने कहा कि बच्चों को पढ़ाई बोझ नहीं लगनी चाहिए. उनको पढ़ने में मजा आना चाहिए.
ये भी पढ़ें-
पानी की गुणवत्ता रिपोर्ट: बीआईएस ने चर्चा के लिए सभी राज्यों की बुलाई बैठक
Exclusive: अजित पवार बोले- पार्टी जो तय करेगी वो करूंगा, BJP के साथ जाने के सवाल पर बिफरे
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI