कोरोना के प्रकोप के चलते पिछले दिनों सीबीएसई ने 10वीं कक्षा की परीक्षा रद्द कर दी थी जबकि 12वीं की परीक्षा स्थगित की गई थी. वहीं स्टूडेंट्स और अभिभावक पिछले काफी समय से 12वीं की परीक्षा भी रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं. इन सबके बीच रविवार को सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा और कई प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी. इस बैठक के दौरान केंद्र सरकार ने कहा है कि 12वीं की परीक्षाओं के लेकर 1 जून या उससे पहले ही कोई फैसला लिया जाएगा और तिथि भी घोषित की जाएगी. वहीं बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को छोड़कर ज्यादातर राज्यों ने 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराने का सुझाव दिया है.


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई थी बैठक


बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व राज्यों कि शिक्षा सचिव, सीबीएसई, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे. इस दौरान सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा को लेकर गहन चर्चा हुई.


दिल्ली को छोड़कर कई राज्य 12वीं की परीक्षाओं के पक्ष में


3 घंटे तक चली लंबी बैठक में दिल्ली को छोड़कर देश के ज्यादातर राज्य 12वीं की परीक्षा कराए जाने के पक्ष में दिखाई पड़े. केंद्रीय मंत्रिमंडल समूह और सीबीएसई भी छात्रों के भविष्य को देखते हुए सीमित और महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षा आयोजित कराये जाने को तैयार दिखा. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में राज्य के शिक्षा मंत्रियों और शिक्षा सचिवों की रविवार को हुई बैठक में भाग लेने वाले एक अधिकारी के मुताबिक दिल्ली और महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों को छोड़कर, अन्य ने परीक्षाओं को आयोजित किए जाने का समर्थन किया है.


19 प्रमुख विषयों में हो परीक्षा


बता दें कि ज्यादातर राज्यों ने जुलाई-अगस्त में संक्षिप्त प्रारूप में केवल 19 प्रमुख विषयों के लिए कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के सीबीएसई के प्रस्ताव का समर्थन किया है. वहीं  केरल, असम, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और मेघालय जैसे कई राज्यों ने केंद्र सरकार से शिक्षकों और छात्रों को परीक्षा केंद्र पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने का आग्रह किया है.


25 मई को सभी राज्यों से लिखित में मांगी गई है राय


मंत्रियों से चर्चा के बाद बैठक की अध्यक्षता कर रहे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, "सरकार की प्राथमिकता सभी परीक्षाओं को सुरक्षित माहौल में आयोजित करना है." सभी राज्यों को 25 मई यानी अगले दो दिनों में अपनी राय लिखित में देने के कहा गया है. जिसपर शिक्षा मंत्रालय समीक्षा करेगा और और 1 जून को परीक्षा को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा. सूत्रों की मानें तो जुलाई के पहले हफ्ते में करीब 20 महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षा आयोजित कराई जा सकती है.  इस बैठक के  बाद ये तो साफ हो गया है कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा स्थगित नहीं की जाएंगी.


इन राज्यों ने परीक्षा आयोजित कराने का समर्थन किया


सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, गुजरात, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, असम और तमिलनाडु आदि राज्यों ने संक्षिप्त प्रारूप में बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का समर्थन किया. वहीं  पंजाब ने व्यक्तिगत रूप से परीक्षा आयोजित करने पर जोर दिया, भले ही वह कुछ विषयों के लिए ही क्यों न हो. कर्नाटक और पुडुचेरी केंद्र सरकार के निर्णय पर सहमत हुए हैं.


क्या रहेगा 12वीं की परीक्षा का फॉर्मेट


जानकारी के मुताबिक सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा 174 में से केवल 19 प्रमुख विषयों के लिए आयोजित की जा सकती है और संभावना है कि ये  दो चरणों में निर्धारित की जाएगी - 15 से 30 जुलाई और 1-14 अगस्त तक. प्रत्येक परीक्षा तीन घंटे के बजाय डेढ़ घंटे की होगी और प्रश्न पत्र में केवल ऑब्जेक्टिव और लघु उत्तरीय प्रश्न होंगे.


गौरतलब है कि एक सीबीएसई स्टूडेंट् न्यूनतम पांच और अधिकतम छह विषय लेता है, जिनमें से चार आमतौर पर प्रमुख विषय होते हैं, जिसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, व्यवसाय अध्ययन, लेखा, भूगोल, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी शामिल हैं.


सीबीएसई ने 12वीं की परीक्षा को लेकर दो विकल्प दिए थे


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीबीएसई ने कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के संबंध में पैनल के सामने दो विकल्प प्रस्तुत किए हैं.पहले विकल्प के तहत, राष्ट्रीय बोर्ड ने सुझाव दिया है कि 19 प्रमुख विषयों की परीक्षा "मौजूदा प्रारूप" में और डेजिगनेटेड परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएं और छोटे विषयों के अंकों की गणना प्रमुख विषयों में प्रदर्शन के आधार पर की जाए. गौरतलब है कि इस ऑप्शन के लिए परीक्षा पूर्व गतिविधियों के लिए एक महीने और परीक्षा आयोजित करने और परिणाम घोषित करने के लिए दो महीने और कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए 45 दिनों की आवश्यकता होगी. पहला विकल्प केवल तभी एग्जीक्यूट किया जा सकता है जब बोर्ड के पास तीन महीने का समय हो और अगस्त-सितंबर में परीक्षा आयोजित करने के साथ अक्टूबर में परिणाम घोषित किए जाने का प्रस्ताव हो.


दूसरे फॉर्मेट के तहत केवल 45 दिन में परीक्षा समाप्त हो जाएगी. इस विकल्प के तहत सीबीएसई ने प्रस्ताव रखा है कि  कक्षा 12 के छात्र प्रमुख विषय की परीक्षा के लिए डेजिग्नेटेड सेंटर्स की बजाय खुद के स्कूलों से परीक्षा दें. परीक्षा की अवधि छोटी हो. स्टूडेंट्स केवल एक भाषा और तीन इलेक्टिव (प्रमुख पढ़ें) विषयों के लिए परीक्षा दें. इलेक्टिव विषयों में प्रदर्शन के आधार पर पांचवें और छठे विषयों के अंक तय किए जाएं. कोई भी छात्र जो कोविड के कारण परीक्षा में नहीं बैठ पा रहा है, उसे उपस्थित होने का एक और अवसर मिलेगा. इन दोनों विकल्पों पर प्रतिक्रिया मांगी गई है.


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