नई दिल्ली: सीबीएसई के 12वीं के नतीजों को लेकर सस्पेंस बरकरार है. ग्रेस मार्क पॉलिसी को जारी रखने के हाई कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा मंत्री जावडेकर ने बड़ी बैठक की है. ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बोर्ड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकता है.
सीबीएसई के नतीजों को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि "सीबीएसई जल्द ही नतीजे की तारीख घोषित करेगा. किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा."
दिल्ली यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू चुका है इस वजह से भी सीबीएसई के स्टूडेंट्स को अपने रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है, फिलहाल रिजल्ट कब आएगा इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है.
क्या है मामला ?
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीबीएसई को निर्देश दिया कि वह मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने के अपने फैसले को इस साल लागू नहीं करे.
अफिशीएट चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह की बैंच ने कहा कि “सीबीएसई ने स्टूडेंट्स के एग्जाम देने के बाद मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने का फैसला किया है. बैंच ने अपने अंतरिम आदेश में कहा, “ये छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को पूरी तरह से बदल सकता है. नियम खेल के शुरू होने के बाद नहीं बदला जा सकता.”
अदालत ने कहा, “यह निर्देश दिया जाता है कि सीबीएसई अपनी घोषित नीति का पालन करेगी, इसमें मॉडरेशन पॉलिसी भी शामिल है जो उस वक्त प्रचलन में थी जब बच्चों ने परीक्षा दी थी.”
अदालत का ये निर्देश एक जनहित याचिका पर आया है जिसमें यह तर्क दिया गया कि यह नीति इस साल नहीं खत्म होनी चाहिए क्योंकि इससे कक्षा 12वीं के छात्रों पर असर पड़ेगा जिन्होंने विदेश में दाखिले के लिए आवेदन किया है.
ये याचिका एक अभिभावक और वकील ने दायर की थी जिसमें कहा गया कि यह नीति इस साल की परीक्षा के बाद नोटिफिकेशन से बदली गई और इसलिए इसका छात्रों पर उल्टा असर पड़ेगा. ऐसा माना जा रहा है कि हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है
मॉडरेशन पॉलिसी
आपको बता दें मॉडरेशन पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स को मुश्किल सवालों के लिए ग्रेस मार्क्स दिए जाते रहे हैं. स्टूडेंट्स को खास क्वेश्चन पेपर में सवालों के मुश्किल लगने पर 15% अधिक मार्क्स दिए जाते हैं.
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