CBSE Board Pending Exams 2020: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने पीडब्ल्यूडी कैंडिडेट्स के लिए सराहनीय कदम उठाते हुए यह फैसला लिया है कि ये कैंडिडेट चाहें तो पेंडिंग बोर्ड परीक्षाएं छोड़ सकते हैं. इन स्टूडेंट्स को अल्टरनेटिव असेसमेंट स्कीम के आधार पर अंक दे दिए जाएंगे. अंक देने का एग्जैक्ट आधार क्या होगा और कौन सी प्रक्रिया लागू की जाएगी, इस बारे में बाद में विस्तार से बताया जाएगा. फिलहाल सीबीएसई के ऑफिशियल नोटिस में यह कहा गया है कि स्टूडेंटस विद फिजिकल डिसएबिलिटी, जिन्हें परीक्षा लिखने के लिये स्क्राइब की जरूरत पड़ती है, उन्हें  बोर्ड की तरफ से पेंडिंग परीक्षाएं न देने की छूट प्रदान की जा रही है. यह नियम सीबीएसई के क्लास 10 और 12 दोनों के स्टूडेंट्स पर लागू होता है.


दरअसल कोरोना की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सख्त नियम अपनाए जा रहे हैं. पेंडिंग परीक्षाओं के आयोजन के समय भी इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि सोशल डिस्टेंसिंग का अच्छे से पालन हो. ऐसे में जब स्क्राइब के साथ पेपर देने वाले कैंडिडेट होंगे तो हर कैंडिडेट के साथ एक परीक्षा लिखने वाला व्यक्ति और हो जायेगा जिससे कैंडिडेट्स की संख्या ऐसे ही बहुत बढ़ जायेगी. इस हालत में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन लगभग नामुमकिन है. और तो और स्क्राइब (पेपर लिखने वाला) भी पीडब्ल्यूडी स्टूडेंट से बहुत दूर नहीं बैठ सकता. ऐसे में नियमों का पालन खासा मुश्किल है. स्टूडेंट्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये सीबीएसई बोर्ड ने यह छूट दी है.


पहले मिली थी कैलकुलेटर प्रयोग की छूट –


बोर्ड ने इस बाबत नोटिस भी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि पीडब्लयूडी कैटेगरी के स्टूडेंट्स चाहें तो पेंडिंग परीक्षायें न दें. सीबीएसई, राइट्स ऑफ पर्सन्स विद डिसएबिलिटी एक्ट 2016 के तहत वैसे भी डिसएबल स्टूडेंट्स को कई प्रकार की छूट देता है. यही नही इस साल जारी गाइडलाइंस के अनुसार चिल्ड्रन विद स्पेशल नीड्स (CWSN) कैटेगरी को पेपर के समय कैलकुलेटर इस्तेमाल करने की छूट भी दी गयी थी. इसके साथ ही सीडब्ल्यूएसएन कैटेगरी को मिलने वाली अन्य छूटों में शामिल है बिना इंटरनेट के कंप्यूटर अथवा लैपटॉप का प्रयोग, रीडर या स्क्राइब की सहायता और अतिरिक्त समय.


आपकी जानकारी के लिये बता दें कि इस साल कक्षा दस में 6,844 और कक्षा बारह में 3,718 स्टूडेंट्स सीडब्ल्यूएसएन कैटेरगी में रजिस्टर हुये हैं. इनमें स्टूडेंट्स विद मसकुलर डिस्ट्रॉफी, स्पेस्टिक्स, डिस्लेक्सिया, लोकोमोटर इमपेयरमेंट, ड्वारफिज़्म और विजुअल इमपेयरमेंट आदि समस्याओं से ग्रसित स्टूडेंट्स शामिल हैं. इन स्टूडेंट्स के अलावा सीबीएसई के विदेशी छात्रों के लिये भी पेंडिंग परीक्षा आयोजित नहीं की जायेगी.


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