CBSE Re-valuation Process: आज सीबीएसई बोर्ड दसवीं का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है. ऐसे में कई स्टूडेंट्स ऐसे भी होंगे जो अपने अंकों से संतुष्ट नहीं होंगे. अगर आप भी उनमें से एक हैं तो री-इवैल्युएशन, री-चेकिंग या री-टोटलिंग के लिए अप्लाई कर सकते हैं. कुछ समय में सीबीएसई री-इवैल्युएशन, री-चेकिंग के लिए लिंक एक्टिव कर देगा. आइये जानते हैं इनके बारे में विस्तार से.


ऑनलाइन होगी पूरी प्रक्रिया –


आप री-इवैल्युएशन, री-चेकिंग या री-टोटलिंग में से कोई भी एक विकल्प या सभी चुन सकते हैं पर यह प्रक्रिया ऑनलाइन ही होगी. इसके साथ ही आप जो भी प्रक्रिया चुनते हैं, उसके लिए आपको तय चार्ज देना होगा. इनके लिए सीबीएसई की वेबसाइट cbse.nic.in पर जल्द ही पोर्टल्स एक्टिव किए जाएंगे. ताजा जानकारी के लिए सीबीएसई की वेबसाइट देखते रहें.


तीन स्टेप में होती है प्रक्रिया पूरी –


री-इवैल्युएशन और री-चेकिंग तीन स्टेप में पूरी होने वाली प्रक्रिया है. सबसे पहले होती है री-टोटलिंग, उसके बाद आंसरशीट की फोटोकॉपी स्टूडेंट्स मांगते हैं और अंत में होता है उस आंसरशीट का री-इवैल्युएशन. री-टोटलिंग, फोटोकॉपी और री-इवैल्युएशन इस क्रम में यह पूरी प्रक्रिया पूरी होती है. सबसे पहले स्टूडेंट री-टोटलिंग के लिए आवेदन करते हैं, फिर उत्तरों की फोटोकॉपी मांगते हैं और अंत में कुछ खास प्रश्नों का रीइवैल्युएशन कराते हैं. इन तीनों प्रक्रियाओं के लिए अलग-अलग और हर स्टेप पर फीस भरनी होती है. इस साल कोविड की वजह से बहुत सी परीक्षाएं नहीं हो पायी थीं. ऐसे में स्टूडेंट्स केवल उन पेपरों के री-इवैल्युएशन के लिए आवेदन कर सकते हैं जो संपन्न हो गयी थीं.


अन्य जानकारियां –


सबसे पहले स्टूडेंट्स री-टोटलिंग के लिए अप्लाई करें. इसके अंतर्गत वे कितने भी विषयों के अंको की दोबारा टोटलिंग करा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें बतायी गयी फीस भरनी होगी. इसमें मुख्यता यह चेक होता है कि आपके नंबर गलत तो नहीं जुड़े हैं साथ ही कोई उत्तर ऐसा तो नहीं जिसमें अंक न दिए गए हों.


अगर स्टूडेंट इससे भी संतुष्ट नहीं होता तो आंसरशीट्स की फोटोकॉपी मांग सकता है. पर यह याद रहे कि जिस विषय की री-टोटलिंग करायी है केवल उसी की आंसरशीट की फोटोकॉपी मांग सकते हैं. ये आंसरशीट ऑनलाइन डाल दी जाती है जहां आप इसे चेक कर सकते हैं.


एक बार जब आप इस बात को लेकर संतुष्ट हो जाएं कि किसी खास प्रश्न के उत्तर में आपको सही अंक नहीं मिले हैं तो री-इवैल्युएशन के लिए अप्लाई कर दें. यहां भी वही नियम चलेगा कि जिस विषय की आंसरशीट की फोटोकॉपी मांगी है केवल उसी का री-इवैल्युएशन करा सकते हैं. इसकी फीस भी अलग देनी होगी. यही नहीं आप जितने प्रश्नों की री-इवैल्युएशन कराते हैं उतनों का शुल्क अलग-अलग देना होगा. यानी की यह पूरी प्रक्रिया एक-दूसरे से जुड़ी है. एक स्टेप पूरा करने के बाद ही दूसरे स्टेप पर जा सकते हैं.


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