नई दिल्ली: इस साल कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा में देने वाले छात्रों को भारी राहत मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सीबीएसई को निर्देश दिया कि वह मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने के अपने फैसले को इस साल लागू नहीं करे.


अफिशीएट चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह की बैंच ने कहा कि "सीबीएसई ने स्टूडेंट्स के एग्जाम देने के बाद मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने का फैसला किया है. बैंच ने अपने अंतरिम आदेश में कहा, "ये छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को पूरी तरह से बदल सकता है. नियम खेल के शुरू होने के बाद नहीं बदला जा सकता."


अदालत ने कहा, "यह निर्देश दिया जाता है कि सीबीएसई अपनी घोषित नीति का पालन करेगी, इसमें मॉडरेशन पॉलिसी भी शामिल है जो उस वक्त प्रचलन में थी जब बच्चों ने परीक्षा दी थी."


अदालत का ये निर्देश एक जनहित याचिका पर आया है जिसमें यह तर्क दिया गया कि यह नीति इस साल नहीं खत्म होनी चाहिए क्योंकि इससे कक्षा 12वीं के छात्रों पर असर पड़ेगा जिन्होंने विदेश में दाखिले के लिए आवेदन किया है.


ये याचिका एक अभिभावक और वकील ने दायर की थी जिसमें कहा गया कि यह नीति इस साल की परीक्षा के बाद नोटिफिकेशन से बदली गई और इसलिए इसका छात्रों पर उल्टा असर पड़ेगा.


मॉडरेशन पॉलिसी
आपको बता दें मॉडरेशन पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स को मुश्किल सवालों के लिए ग्रेस मार्क्स दिए जाते रहे हैं. स्टूडेंट्स को खास क्वेश्चन पेपर में सवालों के मुश्किल लगने पर 15% अधिक मार्क्स दिए जाते हैं.


कोर्ट के फैसले के बाद रिजल्ट में होगी देरी
कोर्ट के इस फैसले बाद अब सीबीएसई के रिजल्ट में कुछ देरी हो सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि बोर्ड इस हफ्ते के अंत तक 12वीं कक्षा के नतीजे घोषित कर सकता है.


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