CBSE Board Academic Year 2021: नए सत्र में घट सकता है CBSE का 33 प्रतिशत सिलेबस, पेपर पैटर्न में भी बदलाव संभव
इस साल कोरोना की वजह से हो रही ऑनलाइन क्लासेस को मद्देनज़र रखते हुए सीबीएसई बोर्ड का सिलेबस 33 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है, साथ ही पेपर पैटर्न में भी बदलाव संभव है.
CBSE Board Academic Year 2021: इस साल कोरोना की वजह से देश-दुनिया में जो हाहाकार मचा है उसने बहुत कुछ बदल दिया. कुछ बदलाव तो ऐसे हैं जो आज तक नहीं हुए जैसे सीबीएसई की परीक्षाएं कैंसिल होना. इसी क्रम में सीबीएसई बोर्ड के सिलेबस में एक नया चेंज नेक्स्ट एकेडमिक ईयर यानी साल 2021 से जुड़ सकता है. इसके साथ ही संभवतः परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव हो जाए. इन बदलावों के अंतर्गत सीबीएसई के वर्तमान सिलेबस में 33 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है. दरअसल इस साल कोरोना की वजह से ऑनलाइन क्लासेस ही कंडक्ट हो रही हैं. साथ ही आगे भी स्थिति बदलने की कोई संभावना नहीं दिख रही है. ऑनलाइन क्लासेस, रियल क्लासेस से बहुत अलग होती हैं. इनमें हमेशा की तरह कोर्स पूरा कराना संभव नहीं. इसी बिंदु को ध्यान में रखते हुए इस साल के सिलेबस में कटौती की जा सकती है.
क्लास 9 से 12 का बदलेगा सिलेबस –
सीबीएसई ने बहुत से स्टेक होल्डर्स और एनसीईआरटी के साथ मिलकर सिलेबस को रेशनलाइज़ किया है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सीबीएसई क्लास 9 से 12 का बदला हुआ सिलेबस जल्द ही शेयर करेगी. विश्वस्त सूत्रों की मानें तो नया सिलेबस पूरी तरह तैयार है और जल्द ही स्कूलों को भेज दिया जाएगा. सिलेबस 33 प्रतिशत कम किया गया है और पेपर पैटर्न को भी बदला गया है. क्लास 1 से 8 तक में भी कुछ बदलाव किए जाएंगे. हालांकि इन चेंजेस के बारे में अभी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है पर बोर्ड सेक्रेटरी अनुराग त्रिपाठी ने स्कूलों के साथ हुए विभिन्न सेमिनार्स में बोर्ड की नयी गाइडलाइंस के बारे में थोड़ा हिंट दी थी.
ये हैं संभावित बदलाव –
- सिलेबस को 25 से 33 प्रतिशत तक घटाया जा सकता है, हालांकि कोई भी चैप्टर पूरी तरह नहीं हटाया जाएगा.
- इस बात का ध्यान रखकर की कांसेप्चुअल लर्निंग पर कोई प्रभाव न पड़ें, चैप्टर्स के अंदर से गैर-जरूरी भागों को टॉपिक-वाइज़ हटाया जाएगा.
- ऑनलाइन क्लासेस को ध्यान में रखते हुए क्यूरिकुलम की अपरोच ब्लेंडेड रखी जाएगी.
- पैरेंट्स ऑनलाइन क्लासेस को स्वीकार कर लें इसके लिए गाइडलाइंस जारी की जाएंगी.
- लाइफ स्किल्स को बेहतर तरीके से इनकॉरपोरेट करने की कोशिश की जाएगी.
- कंपीटेंसी बेस्ड लर्निंग पर फोकस किया जाएगा, स्कूलों को सीबीएसई के इंनीशियेटिव्स रिफर करने को कहा जाएगा.
परीक्षा पैटर्न –
जहां तक बात परीक्षा पैटर्न में बदलाव की है तो ऐसा माना जा रहा है कि परीक्षा में एमसीक्यू टाइप प्रश्नों की संख्या बढ़ायी जा सकती है. इस बारे में सीबीएसई पहले ही अपना प्रपोजल रख चुकी है, जिसमें कहा गया था कि परीक्षा में एमसीक्यू प्रश्नों को करीब 20 प्रतिशत बढ़ा देना चाहिए. इस बारे में स्कूलों को दोबारा भी बताया गया. हो सकता है बोर्ड इस तरह के प्रश्नों का वेटेज़ बढ़ा दे. खबर तो यहां तक है कि एमसीक्यू बेस्ड क्वेशचंस का प्रतिशत 50 तक किया जा सकता है. हालांकि एमसीक्यू बेस्ड क्वेशचंस को बढ़ाने के बारे में सेक्रेटरी अनुराग त्रिपाठी ने अभी कुछ नहीं कहा है पर कुछ ही समय में बोर्ड आधिकारिक नोटिस देकर इन बिंदुओं को साफ कर देगा.
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