सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 10वीं क्लास के एग्जाम की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है. इस साल 16.88 लाख बच्चों ने देशभर में 10वीं क्लास के एग्जाम दिए हैं. उम्मीद की जा रही है कि CBSE मई के अंत तक 10वीं क्लास के रिजल्ट घोषित कर देगा.


इससे पहले CBSE ने 10वीं क्लास के गणित के पेपर को दोबारा नहीं लेने का फैसला लिया था. गणित का पेपर लीक होने की खबरों पर 12वीं के इकोनॉमिक्स के पेपर की तरह उसके भी दोबारा होने की आशंका जताई जा रही थी. लेकिन इस साल CBSE ने रिजल्ट प्रक्रिया में कुछ बदलाव करने का फैसला किया है, जिनका सीधा असर एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स पर पड़ेगा.


CBSE ने आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी करते हुए रिजल्ट प्रक्रिया में किए जा रहे बदलाव के बारे में जानकारी दी है. इस साल इंटरनल एग्जाम और एक्सटर्नल एग्जाम के नतीजों को एक साथ जोड़ा जाएगा. उदाहरण के लिए अगर किसी स्टूडेंट को इंटरनल एग्जाम में 20 में से 15 मार्क्स मिले हैं और एक्सटर्नल एग्जाम में उसे 80 में से 18 मार्क्स मिले हैं तो दोनों एग्जाम के मार्क्स मिलाकर 33 हो जाएंगे और उसे परीक्षा में पास समझा जाएगा. यह प्रक्रिया केवल इस साल के लिए लागू की जा रही है. वैसे एक स्टूडेंट को पास होने के लिए इंटरनल और एक्सटर्नल दोनों एग्जाम में अलग-अलग 33 फीसदी मार्क्स लेने होते हैं.


इसके अलावा इस साल स्टूडेंट्स को मार्क्स और ग्रेड दोनों दिया जाएगा और स्टूडेंट्स की मार्क्सशीट पर एक बार फिर नंबरों वापसी होने जा रही है. स्टूडेंट्स को किसी भी एग्जाम में पास होने के लिए कम से कम 33 मार्क्स स्कोर करने होंगे. इन बदलाव का प्रभाव कैंडिडेट्स के टॉपर होने पर भी पड़ेगा. क्योंकि इस साल टॉपर्स को उन्हें मिलने वाले मार्क्स के आधार पर ही चुना जाएगा.


Education Loan Information:

Calculate Education Loan EMI