पिछले कई दिनों से लगभग 1 करोड़ छात्र 12वीं की परीक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति में थे. लेकिन 1 जून मंगलवार को कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा भी रद्द कर दी गई. कोरोना संक्रमण के चलते 10वीं की परीक्षा की तरह इस साल सीबीएसई और आईसीएससई की 12वीं की परीक्षा भी कैंसल कर दी गई है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी सहित कई हाई प्रोफाइल मंत्रियों के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, हालांकि, बैठक में शामिल नहीं हो सके क्योंकि उन्हें कोविड-19 कॉम्प्लिकेशन के कारण एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था.


12वीं की परीक्षा रद्द करने को लेकर पीएम मोदी ने ट्वीट भी किया


बैठक के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट भी किया कि, “भारत सरकार ने बारहवीं कक्षा की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है. व्यापक विचार-विमर्श के बाद, हमने एक निर्णय लिया है जो छात्रों के अनुकूल है, जो हमारे युवाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ भविष्य की भी रक्षा करता है."  पीएम ने कहा, "छात्रों का स्वास्थ्य और सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इस पहलू पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा."


उन्होंने एक बयान में यह भी कहा, "छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में चिंता है जिसे समाप्त किया जाना चाहिए. ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.'' पीएम मोदी ने सभी स्टेकहोल्डर्स से छात्रों के प्रति संवेदनशील होने को कहा है.


छात्रों को अब रिजल्ट की गणना की चिंता सता रही है


12वीं की परीक्षा रद्द किए जाने की घोषणा होते ही छात्रों को एक बड़ी राहत मिली है हालांकि अब स्टूडेंट्स को ये चिंता सता रही है कि उनके रिजल्ट की गणना कैसे होगी और कॉलेज में दाखिले कैसे होंगे?


ल डिफाइंड", "ऑब्जेक्टिव" मैथड के जरिए तैयार होगा 12वीं का रिजल्ट


परीक्षाएं कैंसल हो चुकी हैं और अब सीबीएसई और सीआईएससीई मूल्यांकन के लिए मानदंड जारी करेंगे. सरकार ने कहा कि यह एक "वेल डिफाइंड", "ऑब्जेक्टिव" मैथड होगा जो समय पर परिणाम सुनिश्चित करेगा.


हाल ही में, CISCE और CBSE स्कूलों को कक्षा 11, 10 और 9 में कक्षा 12वीं के स्टूडेंट्स की परफॉर्मेंस का डेटा जमा करने के लिए कहा गया था. CISCE ने स्कूलों को छात्रों के डिटेल्ड मार्क्स शेयर करने के लिए 7 जून तक का समय दिया है. यह संभावना है कि फाइनल कक्षा 12 के मार्क्स की कैलकुलेशन छात्रों की 12वीं इंटरनल एग्जाम में परफॉर्मेंस और पिछले तीन साल के प्रदर्शन के आधार पर की जा सकती है. हालांकि अंतिम निर्णय का इंतजार है.


रिजल्ट से नाखुश स्टूडेंट्स को लिखित परीक्षा में बैठने का मिलेगा मौका


सीबीएसई और सीआईएससीई दोनों ने अपने आधिकारिक बयान में ये भी कहा है कि वे उन मानदंडों की घोषणा करेंगे जो कक्षा 10 के समान होंगे. बोर्ड ने यह भी कहा कि जो छात्र अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे उन्हें स्थिति अनुकूल होने पर लिखित परीक्षा में बैठने का एक और मौका दिया जाएगा.


असेसमेंट क्राइटेरिया को लेकर डिटेल्ड नोटिस 3 जून तक हो सकता है जारी


असेसमेंट क्राइटेरिया को लेकर डिटेल्ड नोटिस 3 जून तक जारी होने की उम्मीद की जा रही है. दरअसल 3 जून को ही बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग वाले मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जाएगी. सरकार को दी गई समय-सीमा के भीतर अंतिम निर्णय अदालत के साथ साझा करना था.


अब सुप्रीम कोर्ट से राज्य बोर्ड परीक्षाओं पर संज्ञान लेने की उम्मीद है. दरअसल इससे पहले, कई राज्यों ने सरकार से राज्य बोर्डों में पढ़ने वाले छात्रों सहित देश भर के छात्रों के लिए एक समान निर्णय लेने को कहा था. महाराष्ट्र के सीएम ने कहा था, "मैं माननीय पीएम से बारहवीं बोर्ड जैसी परीक्षाओं के लिए एक समान राष्ट्रीय नीति के लिए अनुरोध करता हूं ताकि बच्चों के भविष्य पर असर न पड़े.”


कॉलेज प्रवेश प्रक्रिया के भी जल्द शुरू होने की उम्मीद


वहीं अब, बोर्ड परीक्षा को लेकर सरकार का फैसला आने के बाद उम्मीद है कि सरकार द्वारा जल्द ही JEE मेन और NEET सहित कई अन्य प्रवेश परीक्षाओं पर निर्णय की घोषणा की जाएगी.  शैक्षणिक सत्र स्थगित होने के कारण रोके गए कॉलेज प्रवेश अब शुरू होंगे.


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