आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से इंसानी दिमाग का काम मशीन के दिमाग के द्वारा किया जाता है. इसमें ड्राइवर लेस कार, डिसीजन मेकिंग विज्युअल परसेप्शन इत्यादि आते हैं. इसकी उपयोगिता की बात करें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से शतरंज से लेकर कार तक बिना इंसान की मदद के खेला और चलाया जा सकता है.
बोर्ड ने इस संबंध में निर्णय लेते हुए कहा कि यह जरूरी है कि छात्र लेटेस्ट पढ़ाई के तौर-तरीकों से वाकिफ रहें. ऐसा करना बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास दोनों के लिए बेहतर है. जिन कक्षाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई होगी उसके लिए सिलेबस जल्द ही तैयार किया जाएगा.
पढ़ाई के अगले सेशन से शुरू होने की उम्मीद है. बोर्ड इस विषय की पढ़ाई के लिए स्कूलों को क्षमता निर्माण और ट्रेंड शिक्षकों की नियुक्ति में मदद भी करेगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एक विषय के तौर पर बच्चों को पढ़ाने का विचार नीति आयोग के सेशन में आया जिसके बाद सीबीएसई ने इस बारे में गवर्निंग काउंसिल में निर्णय लिया.
निर्णय लेने से पहले सीबीएसई ने अनेक विभागों और स्कूलों से इस संबंध में बात की. वर्तमान में देश में 20,299 स्कूल सीबीएसई से संबंद्ध हैं और विदेश में 220 स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं.
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