CBSE ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- 2 हफ्ते में तय करेंगे 12वीं के छात्रों को अंक देने की प्रक्रिया, कोर्ट ने कहा- इसमें ज़्यादा देर न करें
सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और ICSE को 12वीं के छात्रों को अंक देने की ऑब्जेक्टिव प्रणाली तय करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीएसई और ICSE द्वारा 12वीं कीबोर्ड परीक्षा रद्द किए जाने के फैसले पर संतोष जताया.
सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और ICSE से कहा है कि 12वीं के छात्रों को अंक देने की ऑब्जेक्टिव प्रणाली जल्द तय करें. दोनों बोर्ड ने आज कोर्ट को जानकारी दी कि उन्होंने कोविड की स्थिति को देखते हुए 12वीं की परीक्षा आयोजित न करने का फैसला लिया है. कोर्ट ने इस पर संतोष जताया कि सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी. लेकिन यह भी कहा कि रिज़ल्ट में देरी न हो ताकि छात्र आगे की पढ़ाई शुरू कर सकें.
वकील ममता शर्मा की तरफ से दाखिल याचिका में बोर्ड की परीक्षा रद्द करने की मांग की गई थी. 31 मई को हुई सुनवाई में सरकार ने कोर्ट को बताया था कि इस पर पहले ही विचार चल रहा है. 2 दिन में फैसला हो जाएगा. कोर्ट ने सरकार को समय देते हुए सुनवाई के लिए आज की तारीख तय की थी.
CBSE ने ऑब्जेक्टिव प्रणाली के लिए 2 हफ्ते का समय मांगा था
जस्टिस ए एम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की बेंच में सुनवाई शुरू होते ही CBSE की ओर से पेश एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने जानकारी दी कि 12वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया है. जजों ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सरकार ने छात्रों के स्वास्थ्य के लिए निर्णय लिया. वेणुगोपाल ने कहा कि 2 हफ्ते के भीतर छात्रों को अंक देने की ऑब्जेक्टिव प्रणाली तय कर ली जाएगी. तब तक के लिए सुनवाई को स्थगित कर दिया जाए.
ICSE ने अंक प्रणाली तय करने के लिए 4 हफ्ते का समय मांगा था
इसके बाद ICSE की ओर से पेश वरिष्ठ वकील जे के दास ने कोर्ट को बताया कि उनके बोर्ड ने भी 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है. लेकिन दास ने कहा कि ICSE को अंक प्रणाली पर फैसला लेने में 4 हफ्ते लगेंगे, जजों ने उन्हें रोकते हुए कहा, "आप चाहें तो एक रात में फैसला ले सकते हैं, यह इतनी बड़ी बात नहीं है. एटॉर्नी जनरल ने जितना समय मांगा है, वह उचित है. आप भी 2 हफ्ते के भीतर फैसला ले लीजिए."
सुप्रीम कोर्ट दो हफ्ते बाद करेगा मामले पर अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कई राज्य शिक्षा बोर्ड ने अब तक इस मसले पर निर्णय नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट को राज्य सरकारों को भी इसी तरह का फैसला लेने का निर्देश देना चाहिए. इस पर कोर्ट ने कहा कि पहले CBSE और ICSE का पूरा फैसला हमारे सामने आने दीजिए. फिर दूसरी बातों पर विचार किया जाएगा. इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने मामले को 2 हफ्ते बाद सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया.
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