Uniformity in all Board Exams: केंद्रीय सरकार, सभी राज्यों में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर छात्रों का आंकलन करने के लिए एक "बेंचमार्क ढांचा" बनाने की योजना पर काम कर रही है. इससे राज्य और केंद्रीय शिक्षा बोर्डों में "एकरूपता" लाने में मदद मिलेगी. अभी सभी राज्य शिक्षा बोर्ड मूल्यांकन के लिए अलग-एलग मानकों का पालन करते हैं, छात्रों के मार्क्स में काफी अंतर हो जाता है. अब केंद्र सरकार छात्रों के मार्क्स के अंतर को पाटने की दिशा में काम कर रही है.
पिछले कुछ महीनों में, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने इस योजना को लागू करने से पहले एक आम सहमति पर पहुंचने के लिए सभी राज्य बोर्डों और राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के अधिकारियों के साथ कई बैठकें की हैं. इस बैठकों से निकले निष्कर्ष के आधार पर केंद्र सरकार एक नई मूल्यांकन नियामक संस्था बनाने जा रही है.
क्या है PARAKH?
केंद्र सरकार के प्लान के अनुसार ये रेगुलेटरी बॉडी, PARAKH (प्रदर्शन मूल्यांकन, विकास के लिए ज्ञान की समीक्षा और विश्लेषण) बनाया जाएगा, जोकि NCERT की एक इकाई के रूप में काम करेगा. इस संस्था को नेशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS) और राज्य राज्य एचीवमेंट सर्वे जैसे टेस्ट का काम सौंपा जाएगा. इस बॉडी का काम, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों को लागू करना होगा. परख भी एनईपी प्रस्ताव का हिस्सा है.
छात्रों को मार्क्स सुधारने में मिलेगी मदद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एनसीईआरटी के साथ बैठकों में ज्यादातर राज्यों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया है. इससे छात्रों को अपने मार्क्स को सुधारने में मदद मिलेगी. शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार ज्यादातर राज्य, अधिकांश विषयों के लिए दो पेपर कराने के मुद्दे पर भी सहमत दिखे. जानकारी के अनुसार हर विषय के लिए दो पेपर (एक पेपर बहुविकल्पीय प्रश्न और दूसरा डिस्क्रिप्टिव) आयोजित किए जा सकते हैं.
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