Ukraine Medical Students: यूक्रेन से लौटने वाले मेडिकल छात्रों के बारे में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में बड़ा अपडेट दिया है. केंद्र ने कहा है कि सरकार यूक्रेन से भारत लौटे मेडिकल छात्रों की सहायता के लिए अदालत की ओर से दिए गए सुझावों पर काम कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को सुझाव दिया था कि केंद्र इन मेडिकल छात्रों की सहायता के लिए एक वेब पोर्टल बनाकर विदेशी विश्वविद्यालयों की जानकारी दें, जहां वे सरकार के शैक्षणिक गतिशीलता कार्यक्रम के अनुसार अपना कोर्स पूरा कर सकें. केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालयों के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिवों को पत्र लिखा है.
केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ को बताया कि, पिछले आदेश के बारे में, हमने विदेश मंत्रालय (विदेश मंत्रालय) के सचिवों के साथ-साथ स्वास्थ्य को भी लिखा है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया था कि एक वेबसाइट बनाई जा सकती है जहां सारी जानकारी डाली जा सके ताकि कोई कंफ्यूजन ना रहें.
रूस-यूक्रेन से प्रभावित हुए हैं 13 हजार मेडिकल छात्र
सुप्रीम कोर्ट ने अब मामले की सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख तय की है. जब वकीलों में से एक ने कहा कि अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा लेने की अनुमति दी जा सकती है, तो पीठ ने कहा, हम कुछ नहीं कह रहे हैं. हम एक बड़ा आदेश जारी करेंगे. शुरुआत में, कुछ छात्रों की ओर से पेश हुए एक वकील ने कहा कि कई राज्यों ने इस मुद्दे पर केंद्र को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि लगभग 13,000 मेडिकल छात्र प्रभावित हैं, वकील ने कहा कि केंद्र और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को इन राज्यों से बात करनी चाहिए.
16 सितंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक ट्रांसपेरेंट सिस्टम होना चाहिए और वेब पोर्टल पर फीस का पूरी जानकारी और वैकल्पिक विदेशी विश्वविद्यालयों में उपलब्ध सीटों की संख्या जारी की जानी चाहिए जहां से ये छात्र अपना पाठ्यक्रम पूरा कर सकते हैं. केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के सुझावों पर विचार करने के लिए समय मांगा था.
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