किस देश में होती है सबसे सस्ती इंजीनियरिंग, क्या वहां की डिग्री से भारत में मिल जाएगी नौकरी?
अमेरिकी ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिक्स के अनुसार इंजीनियरिंग सेक्टर में अगले दशक तक हर साल 1.88 lakh नौकरियों का सृजन होगा. बीटेक की डिग्री अच्छे सैलरी पैकेज का वादा तो करती है लेकिन यह महंगी भी उतनी ही है.
Cheapest Countries For Engineering: वर्तमान में इंजीनियरिंग की पढ़ाई युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण करियर विकल्प बन गई है. हालांकि, इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के लिए स्टूडेंट्स को अक्सर महंगी फीस का सामना करना पड़ता है. इसके चलते कई स्टूडेंट्स के सपने टूट जाते हैं. हालांकि, दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जो अपनी बेस्ट और सबसे सस्ती इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए जाने जाते हैं. आइए जानते हैं इन देशों के बारे में.
कम आय वाले परिवार के बच्चों के लिए यह ख्वाब की तरह है. कई ऐसे स्टूडेंट्स महंगी फीस के चलते इंजीनियर बनने के सपने पूरा नहीं कर पाते. ऐसे में लेकिन यदि आप इंजीनियर बनने का सपना देख रहे हैं, तो इन देशों का रुख कर सकते हैं. ये ऐसे देश हैं, जो कम फीस में क्वॉलिटी एजुकेशन प्रदान करते हैं.
यह भी पढ़ें: कौन कहता है कि शादी के बाद नहीं होती UPSC की तैयारी? घर संभालते-संभालते IPS बन गई यह महिला
भारत में जॉब की संभावना
भारत में विदेशों से प्राप्त इंजीनियरिंग डिग्री के साथ नौकरी पाने की संभावना काफी हद तक कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है. यदि आप किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त करते हैं, तो आपकी डिग्री भारत में मान्य हो सकती है. आपकी तकनीकी क्षमताएं और कौशल भी महत्वपूर्ण होते हैं. यदि आपने प्रैक्टिकल अनुभव और इंटर्नशिप हासिल किया है, तो यह आपके लिए फायदेमंद होगा. विदेशों में अध्ययन करते समय बनाए गए संपर्क भी भारत लौटने पर नौकरी पाने में मदद कर सकते हैं.
जर्मनी
जर्मनी को इंजीनियरिंग एजुकेशन के लिए एक प्रमुख डेस्टिनेशन माना जाता है. यहां की पब्लिक यूनिवर्सिटीज में ट्यूशन फीस बहुत कम होती है या कई बार बिल्कुल नहीं होती. औसतन, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए वार्षिक फीस लगभग 217 से 762 अमेरिकी डॉलर (200 से 700 यूरो) होती है. इसके अलावा, जर्मनी में कई स्कॉलरशिप्स भी उपलब्ध हैं. इनमें डीएएडी स्कॉलरशिप, हम्बोल्ट रिसर्च फेलोशिप आदि शामिल हैं.
रूस
रूस भी एक ऐसा देश है, जहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई काफी सस्ती है. यहां की यूनिवर्सिटीज में सालाना ट्यूशन फीस लगभग 1.48 लाख रुपये से 2.20 लाख रुपये तक होती है. रूस के संस्थान प्रैक्टिकल नॉलेज और शोध अवसरों के लिए प्रसिद्ध हैं.
फ्रांस
फ्रांस की पब्लिक यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग करने का खर्च सालाना ढाई लाख से 17 लाख तक आता है. कई पब्लिक यूनिवर्सिटीज ट्यूशन फीस बेहद कम या नहीं लेती हैं. ‘कैंपस फ्रांस’ के अनुसार, यहां ग्रेजुएट लेवल कोर्स की ट्यूशन फीस 175 यूरो प्रति वर्ष है. कई यूनिवर्सिटीज द्वारा ट्यूशन फीस कम या बिल्कुल नहीं ली जाती.
न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड के इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेना मतलब है कि प्रैक्टिकल टीचिंग एनवायरमेंट में इंजीनियरिंग की पढ़ाई. न्यूजीलैंड में चार साल के इंजीनियरिंग कोर्स की ट्यूशन फीस 24,656 से 32,184 अमेरिकी डॉलर है. भारतीय मुद्रा में यह फीस 20 से 27 लाख के बीच होगी.
चीन
चीन दुनिया की सबसे तेज ग्रो करने वाली इकोनॉमी है. इसके पास दुनिया का सबसे बड़ा एजुकेशन सिस्टम है. चीन में इंजीनियरिंग की ग्रेजुएशन डिग्री चार साल की है. यहां इंजीनियरिंग करने का खर्च औसतन 44,077 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 36 लाख रुपये आता है.
पोलैंड और हंगरी
पोलैंड और हंगरी जैसे अन्य यूरोपीय देशों में भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कम खर्चीली होती है. इन देशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा और कम फीस दोनों उपलब्ध हैं.
यह भी पढ़ें: इस कॉलेज को कहते हैं यूपीएससी का हॉटस्पॉट, हर साल यहां से निकलते हैं IAS-IPS
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI