(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
देश में लगातार घट रही है इंजीनियरिंग सीटों की संख्या, 2021 में 63 इंजीनियरिंग कॉलेज हुए बंद
सीटों की संख्या में लगातार गिरावट के बावजूद इंजीनियरिंग अभी भी देश में टेक्निकल एजुकेशन के क्षेत्र (वास्तुकला, प्रबंधन, होटल प्रबंधन और फार्मेसी) में कुल सीटों का 80 प्रतिशत हिस्सा है.
भारत में इंजीनियरिंग कॉलेज लगातार बंद हो रहे हैं इसी के साथ संस्थानों में सीटों की कुल संख्या एक दशक में सबसे कम हो गई है. ऑल इंडिया टेक्निकल एजुकेशन काउंसिल (AICTE) के लेटेस्ट डाटा से पता चलता है कि अंडर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और डिप्लोमा स्तर पर इंजीनियरिंग सीटों की संख्या घटकर 23.28 लाख रह गई है जो 10 वर्षों में सबसे कम हैं. संस्थान बंद होने और प्रवेश क्षमता में कमी के कारण इस वर्ष सीटों में कमी 1.46 लाख आंकी गई है.
गौरतलब है कि सीटों की संख्या में लगातार गिरावट के बावजूद, इंजीनियरिंग अभी भी देश में टेक्निकल एजुकेशन के क्षेत्र (वास्तुकला, प्रबंधन, होटल प्रबंधन और फार्मेसी) में कुल सीटों का 80 प्रतिशत हिस्सा है.
2015-16 से हर साल 50 इंजीनियरिंग संस्थान बंद हो रहे हैं
2014-15 में अपने पीक पर सभी AICTE-अप्रूव्ड संस्थानों में इंजीनियरिंग शिक्षा में लगभग 32 लाख सीटें थीं. गिरावट का क्रेडिट सात साल पहले शुरू हुए समेकन को दिया जा रहा है, जिसमें मांग कम होने के कारण कॉलेजों को बंद करना पड़ा है. तब से, लगभग 400 इंजीनियरिंग स्कूलों ने काम काज बंद कर दिया है. पिछले साल कोविड महामारी काल को छोड़ दिया जाए तो, 2015-16 से हर साल कम से कम 50 इंजीनियरिंग संस्थान बंद हो रहे हैं. इस साल 63 इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट्स को बंद करने के लिए एआईसीटीई की मंजूरी मिली है.
नए संस्थान खुलने की संख्या में भी गिरावट
वहीं नए इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट स्थापित करने के लिए टेक्निकल एजुकेशन रेगुलेटरी की मंजूरी पांच साल के निचले स्तर पर है. 2019 में AICTE ने 2020-21 से शुरू होने वाले नए संस्थानों पर दो साल की मोहलत की घोषणा की थी. यह आईआईटी-हैदराबाद के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी की अध्यक्षता वाली एक सरकारी समिति की सिफारिश पर किया गया था.
एकेडमिक ईयर 2021-22 के लिए AICTE ने 54 नए संस्थानों को मंजूरी दी है
गौरतलब है कि एकेडमिक ईयर 2021-22 के लिए AICTE ने 54 नए संस्थानों को मंजूरी दी है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने बताया कि ये अप्रूवल पिछड़े जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित करने के लिए हैं और इनके लिए रिक्वेस्ट पहले से ही पाइपलाइन में थी साथ ही राज्य सरकारें एक नया संस्थान शुरू करना चाहती थी. मोरेटोरियम लागू होने से तीन साल पहले नियामक ने 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में क्रमशः 143, 158 और 153 नए संस्थानों को मंजूरी दी है.
ये भी पढ़ें
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI