क्रिकेट मैच में जो स्कोर अपडेट करता है, वो कैसे बनते हैं, कितनी होती है उनकी सैलरी?
Cricket Scorer: क्रिकेट स्कोरर के रूप में करियर बनाना चाहते हैं तो पहले जान लें कि इस फील्ड में आने के लिए किक्रेट में रुचि होने के अलावा आपके अंदर और कौन सी क्वालिटीज होनी चाहिए.
How to become cricket scorer: जिन लोगों को किक्रेट में रुचि है वे क्रिकेट स्कोरर के रूप में करियर बना सकते हैं. इस फील्ड से जुड़ने के लिए जरूरी नहीं है कि आप गेम खेले हीं बल्कि और भी कई तरीकों से इस फील्ड का हिस्सा बना जा सकता है. ग्राउंड ड्यूटी के अंडर भी ऐसे बहुत से काम आते हैं जो आपको क्रिकेट से जोड़े रखेंगे. ऐसे ही कुछ कामों में से एक है क्रिकेट स्कोरर का काम. ये ऑफलाइन और ऑनलाइन क्रिकेट स्कोर अपडेट करते हैं. जानते हैं इस फील्ड में कैसे एंट्री कर सकते हैं.
कोर्स करें और ट्रेनिंग लें
इस फील्ड में एंट्री करने के लिए आप कोई छोटा-मोटा कोर्स कर सकते हैं. बीसीसीआई से लेकर आईसीसी एजुकेशन एंड ट्रेनिंग और एमसीए तक बहुत सी जगहों से सर्टिफिकेट या ट्रेनिंग प्रोग्राम किए जा सकते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स से भी कोर्स कर सकते हैं. इसके अलावा कई प्राइवेट जगहों से भी कोर्स किया जा सकता है. इनकी अवधि ज्यादा नहीं होती और न ही फीस ज्यादा होती है.
ये आपको इस फील्ड की बेसिक्स सिखाते हैं और प्रोपेशनल क्रिकेट स्कोरर बनने में मदद करते हैं. कई बार केवल वर्कशॉप या ऑनलाइन कोर्स करके भी इस फील्ड में आ सकते हैं.
डीडीसीए हर साल ऑफ सीज़न में ट्रेनिंग सेशन आयोजित करता है. यहां से सर्टिफिकेट पाने के लिए आपको थ्योरी और प्रैक्टिकल एग्जाम पास करना होता है. इसके बाद ही आप मैचों में स्कोरिंग करने के लिए सर्टिफाई माने जाते हैं.
समय-समय पर निकलती है वैकेंसी
इनकी वैकेंसी समय-समय पर निकलती रहती है. इसके लिए आपको संबंधित संस्था की वेबसाइट से लेकर उनकी हर एक्टिविटी पर नजर रखनी होती है. बकायदा वैकेंसी आती हैं और सेलेक्शन के लिए टेस्ट होता है. सभी चरण पार करने वालो की ही चयन अंतिम होता है. ये वैकेंसी लोकल, स्टेट, नेशनल हर लेवल पर निकलती हैं.
पैनी निगाह है जरूरी
इस काम में हाथ आजमाने के लिए आपके अंदर कुछ स्किल्स का होना बहुत जरूरी है उसमें से एक है हार्डवर्क और एलर्टनेस. पूरे मैच में आप एक पल को भी अपना ध्यान इधर-उधर नहीं ले जा सकते. एक बॉल मिस होती है तो आपकी एक्योरेसी बिगड़ सकती है. आपको काम और फोकस्ड रहना भी जरूरी है. इसके अलावा कंप्यूटर की नॉलेज, टेक्निकल नॉलेज और अच्छी कम्यूनिकेशन स्किल्स भी जरूरी हैं. आपको मैनुअल और डिजिटल दोनों तरह की स्कोरिंग करनी होती है. यहां तक कि इंटरनेशनल मैचों में भी मैनुअल स्कोरिंग होती है.
कोचिंग उपलब्ध है
बीसीसीआई के स्तर पर तीन लेवल की कोचिंग इस काम के लिए उपलब्ध है. तीसरा लेवल हाईऐस्ट है. इस फील्ड में पूरी तरह आना चाहते हैं तो आपको कम से कम बीसीसीआई का एक लेवल तो पास करना ही होता है. इसके लिए कोच असाइन होते हैं जो ट्रेननिंग देते हैं.
कितनी मिलती है सैलरी
सैलरी बहुत से फैक्टर्स पर डिपेंड करती है. जैसे आप कहां काम कर रहे हैं, अनुभव, कंपनी और लेवल. मोटे तौर पर कहें तो क्रिकेट स्कोरर को शुरुआती दौर में साल के 3 से 4 लाख रुपये और बाद में साल के 15 लाख रुपये तक मिल सकते हैं. आप किस लेवल के मैच के स्कोरर हैं पैसा इस पर निर्भर करता है. साथ ही चाय, पानी, खाना, रहना और ट्रैवलिंग जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं.
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