CTET certificate validity 2020: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE -एनसीटीई) ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET -सीटीईटी) की वैधता को सात से बढ़ाकर आजीवन करने का फैसला लिया है. कैंडिडेट को अब अपने जीवन में केवल एक बार CTET की परीक्षा देना है. क्योंकि एनसीटीई ने इसकी वैधता को अब 7 साल से बढ़ाकर आजीवन कर दिया है.  राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई- NCTE) ने यह महत्वपूर्ण फैसला 29 सितंबर 2020 को आयोजित 50वीं आम सभा की बैठक में लिया.


उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने CTET को पहले मान्यता दे रखी है. इसलिए एनसीईटी के इस फैसले का लाभ यूपी के बेरोजागार युवकों को भी मिलेगा. एनसीटीई ने इस फैसले की सूचना 13 अक्टूबर को दी. एनसीटीई की ओर से जारी मिनट में कहा गया है कि आगे से होने वाले सीटीईटी की वैधता आजीवन होगी.


उत्तर प्रदेश सरकर द्वारा आयोजित यूपी अध्यापक पात्रता परीक्षा की वैधता केवल पांच वर्ष के लिए है. ऐसे में अब जब सीटीईटी की वैधता आजीवन कर दी गई है तो  यह मांग उत्तर प्रदेश के टीईटी परीक्षार्थियों द्वारा भी उठाई जा सकती है.


साल में दो बार होती CTET की परीक्षा


विदित है कि सीटेट परीक्षा एक साल में दो बार आयोजित जाती है. एक जुलाई में दूसरी दिसंबर में.  केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद् साल में दो बार केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा {CTET} का आयोजन करता है.  सीटेट के पेपर -1 में शामिल कैंडिडेट्स प्राइमरी के लिए अर्थात कक्षा एक से कक्षा 5 तक पढ़ाने के लिए योग्य होता है. वहीँ पेपर -2 में शामिल होने वाला कैंडिडेट्स कक्षा 6 से कक्षा 8 तक पढ़ाने का पात्र माना जाता है.  कैंडिडेट्स को यह छूट है कि वह चाहे तो पेपर -1 में या पेपर -2 में या फिर दोनों पेपरों की परीक्षा दे सकता है.


सीटेट-CTET के पहले के नियमों के अनुसार सीटेट सर्टीफिकेट की वैधता 7 साल (रिजल्ट डेट के बाद से) की रहती थी. लेकिन अब यह आजीवन मान्य रहेगा.




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