इस समय देश में कई परीक्षाओं में अनियमितताओं की बात सामने आ रही हैं. नेट परीक्षा को रद्द कर दिया गया है जबकि नीट एग्जाम को रद्द करने की मांग लगातार की जा रही है. हालांकि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है. लेकिन इस बीच दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का कहना है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए. वहीं, सीयूईटी के नतीजों में देरी पर भी उन्होंने अपनी बात रखी है.


नीट और नेट के अलावा टेस्टिंग एजेंसी ने सीयूईटी परीक्षा भी आयोजित कराई थी लेकिन अब इसके नतीजे आने में भी देरी होती दिख रही है. दरअसल, सीयूईटी यूजी परीक्षा 2024 का आयोजन 15, 16, 17, 18, 21, 22, 24 और 29 मई, 2024 को भारत के 379 शहरों सहित विदेशों के 26 शहरों में स्थित विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर किया गया था. लेकिन एग्जाम की प्रोविजनल आंसर की जारी करने में ही एजेंसी को एक महीने से ज्यादा कम वक्त लग गया.


एग्जाम की प्रोविजनल आंसर की 7 जुलाई को जारी कर दी गईं थीं और ऑब्जेक्शन विंडो को 09 जुलाई को बंद किया गया था. हालांकि अभी परीक्षा की फाइनल आंसर की और नतीजों को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. नतीजों में हो रही देरी के कारण अंडर ग्रेजुएट कोर्स में दाखिले की प्रोसेस में देरी हो रही है. जिससे आगे चलकर स्टूडेंट्स से लेकर संस्थानों तक को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.


देरी से शुरू होगा सेशन


टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार डीयू के वीसी योगेश सिंह का कहना है कि सीयूईटी यूजी के नतीजों में देरी के कारण पहले सेमेस्टर के छात्रों का सेशन शुरू करने में देरी होगी. पहले साल के ग्रेजुएट कोर्स के लिए लगभग दो सप्ताह की देरी होगी. अभी सही तारीख तय करना मुश्किल है. यदि नतीजों में तीन सप्ताह की देरी होती है, तो सत्र में दो सप्ताह की देरी होगी. विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि पहले वर्ष के छात्रों के लिए शैक्षणिक सत्र 16 से 21 अगस्त के बीच शुरू होगा.


हो सकती हैं ये दिक्कतें


वहीं, कुछ अन्य एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिलेबस पूरा करने में अधिक समय लग सकता है. रिवीजन के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलेगा. असाइनमेंट या टेस्ट के बीच में जो समय छात्रों को तैयारी के लिए मिलता था वह कम हो सकता है. जिसका असर उनके रिजल्ट पर पड़ सकता है. छात्रों का ग्रेड/परसेंटेज कम हो सकता है. इसके अलावा शिक्षकों पर कोर्स जल्दी पूरा करवाने का दबाव होगा. अगर कोर्स कंप्लीट करवाने के लिए कॉलेज टाइम के बाद क्लास संचालित होती हैं तो इसका भी नकारात्मक असर शिक्षकों और छात्रों पर देखने को मिल सकता है.


यह भी पढ़ें: इस यूनिवर्सिटी में निकले असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर करें अप्लाई, 1.8 लाख से ज्यादा है सैलरी 


Education Loan Information:

Calculate Education Loan EMI