Lucknow University: यूपी गवर्नमेंट की कैबिनेट ने रायबरेली, हरदोई, सीतापुर और लखीमपुर खीरी जिले के सभी डिग्री कॉलेजों को लखनऊ यूनिवर्सिटी से जोड़ने वाले प्रस्ताव को अपनी सहमति प्रदान कर दिया है. कैबिनेट ने यह सहमति मंगलवार को हुई बैठक में प्रदान किया है. कैबिनेट के इस बाई सर्कुलेशन मंजूरी के बाद इन चारों जिलों के सभी डिग्री कॉलेज लखनऊ यूनिवर्सिटी के दायरे में आ जाएंगे. अभी तक इन चारों जिलों के सभी डिग्री कॉलेज छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से जुड़े हुए हैं. आपको यह भी बता दें कि अभी तक लखनऊ यूनिवर्सिटी का दायरा केवल लखनऊ जिले तक ही सीमित है और इस समय इस यूनिवर्सिटी से 176 डिग्री कॉलेज जुड़े हुए हैं. कैबिनेट के इस फैसले से जहां इस यूनिवर्सिटी का दायरा दूसरे जिलों तक भी फ़ैल जाएगा वहीँ इस फैसले से यह यूनिवर्सिटी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी हो जाएगी.




इन चार जिलों को जोड़ने की प्रक्रिया 2009 में भी हुई थी लेकिन- आपको बता दें कि लखनऊ यूनिवर्सिटी से इन 4  जिलों के डिग्री कॉलेजों को जोड़ने की कवायद सन 2009 में भी हुई थी लेकिन उस समय लखनऊ यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलपति प्रो. एएस बरार ने यह कहते हए अपनी सहमति नहीं दिया था कि ऐसा करने से विश्वविद्यालय टीचिंग और रिसर्च पर अधिक फोकस नहीं कर पाएगा. इस कारण से सन 2009 में इन चारों जिलों को जोड़ने का कार्य अधर में पड़ गया था.


इस समय एलयू के सामने सबसे बड़ा संकट आर्थिक संकट का है- 25 नवंबर 2020 को सौ साल पूरे करने जा रहे लखनऊ यूनिवर्सिटी के सामने इस समय सबसे बड़ा संकट आर्थिक संकट है. आशा है कि कैबिनेट के इस फैसले से लखनऊ यूनिवर्सिटी का यह आर्थिक संकट भी ख़त्म हो जाएगा. ज्ञात हो कि हर साल यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन पर ही करीब 180 करोड़ रूपए खर्च हो जाते हैं. जबकि इन 180 करोड़ रूपए में से राज्य सरकार की तरफ से सिर्फ 34 करोड़ रूपए ही आर्थिक मदद के रूप में दिए जाते हैं. इसकी वजह से यूनिवर्सिटी के विकास में काफी समस्या  होती है.




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