DSSSB teacher Recruitment 2020: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक गैर सरकारी संगठन ‘सोशल ज्यूरिस्ट’ की तरफ से दाखिल की गयी एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB), नगर निगम और दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया. याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में अच्छे शिक्षकों की कमी की वजह से ही प्राइवेट स्कूलों की संख्या में तेजी बढ़ोत्तरी हो रही है.
नगर निगम की तरफ से पेश वकील ने जब कोर्ट में यह कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार कम हो रही है तो इस पर जस्टिस सचदेवा ने कहा कि ‘जब आपके पास जरूरत के मुताबिक पर्याप्त और अच्छे टीचर ही नहीं हैं तो बच्चे निजी स्कूल में चले ही जाएंगे.’ वहीँ मामले की सुनवाई के समय गैर सरकारी संगठन ‘सोशल ज्यूरिस्ट’ की तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट को अवगत कराया कि सरकार और नगर निगम ने शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है और उसने गरीब बच्चों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.
इस पर दिल्ली नगर निकायों के स्कूलों में विशेष शिक्षकों की भर्ती के मामले में डीएसएसएसबी और नगर निगम की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट को अवगत कराया कि 2017 तक विशेष शिक्षकों के कुल 01 हजार 540 रिक्त पदों में से 935 पद अभी तक खाली बचे हैं. इस पर जस्टिस सचदेवा ने विशेष शिक्षकों के खाली पड़े 935 पदों को भरने के लिए नगर निगमों को डीएसएसएसबी के पास आग्रह पत्र भेजने का निर्देश दिया और साथ में कोर्ट ने डीएसएसएसबी को नगर निगम के स्कूलों में चयनित 780 अभ्यर्थियों का डोजियर एमसीडी को भेजने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 सितम्बर 2020 की तारीख तय कर दिया.
कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम और डीएसएसएसबी को नगर निगम के स्कूलों में विशेष शिक्षकों की भर्ती के मामले में लिए गए फैसले के बारे में स्थिति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का भी निर्देश दिया है.
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