नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव परिणाम के जारी करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 सितंबर तक रोक लगा दी है. इससे पहले संपन्न चुनाव में करीब 67.9 फीसदी छात्रों ने मतदान किया. खबर है कि चुनाव परिणाम पर ये रोक हाईकोर्ट ने जेएनयू के दो एमबीए छात्रों की याचिका पर लगाई है. सूत्रों के मुताबिक इन दोनों छात्रों ने जेएनयू के इलेक्शन कमीशन पर आरोप लगाया है कि उनकी उम्मीदवारी जबर्दस्ती रद्द की गई.


बता दें कि जेएनयू से एमबीए  की पढ़ाई कर रहे ये दोनों छात्र काउंसिलर पद के लिए उम्मीदवार थे और इनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई. इस फैसले के खिलाफ दोनों छात्रों ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. छात्रों की याचिका का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने जेएनयू छात्र संघ चुनाव परिणाम पर रोक लगा दी है.


चुनाव आयोग रखेगा हाईकोर्ट में अपना पक्ष


इससे पहले आइसा, एसएफआई, एआईएसएफ, डीएसएफ पार्टियों ने एक शिकायत पत्र लिखकर जेएनयू प्रशासन पर इलेक्शन में दखल देने का आरोप लगाया. इलेक्शन कमीशन ने फिलहाल अपना पक्ष हाईकोर्ट के समक्ष नहीं रखा है. इलेक्शन कमीशन के सूत्र का कहना है कि एक उम्मीदवार ने दो बार काउंसलर की पोस्ट के लिए अप्लाई किया है जिसके बाद उनका नामांकन रद्द किया गया और दूसरे उम्मीदवार के दस्तावेज में गलती पाए जाने के बाद उनकी उम्मीदवारी को रद्द किया गया है. खबर है कि विश्वविद्यालय चुनाव आयोग इन्हीं बिंदुओं को केंद्र बना हाईकोर्ट में जवाब देगा.


ऐसे में अब यह तो तय है कि जेएनयू छात्र संघ चुनाव परिणाम में देरी होगी और तब तक वोटों को सीक्रेट रखा जाएगा. बता दें कि चुनाव परिणाम 8 सितंबर को जारी होने वाला था. इस बार के जेएनयूएसयू चुनाव में कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनके भाग्य के फैसले में हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद अब थोड़ा और विलंब हो गया है.


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