क्या है वो प्रस्ताव... जो अगर पास हो गया तो दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में भी 12वीं तक पढ़ाई फ्री हो जाएगी!
Delhi Private School: दिल्ली असेंबली कमेटी की सिफारिश है कि 12वीं तक ईडब्ल्यूएस और डीजी कैटेगरी के छात्रों को मुफ्त शिक्षा दी जाए. अगर ये प्रस्ताव पास होता है तो क्या कुछ बदलेगा, जानिए.
Delhi Private School To Give Free Education: दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में ईडब्ल्यूएस और डीजी श्रेणी के छात्रों को फ्री में 12वीं तक शिक्षा देने का मुद्दा उठा है. ये सिफारिश दिल्ली लेजिसलेटिव असेंबली कमेटी ने एससी/एसटी वेलफेयर के अंतर्गत उठायी है. कमेटी का कहना है कि इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन यानी ईडब्ल्यूएस और डीजी यानी डिसएडवांटेज श्रेणी के छात्रों को 12वीं तक मुफ्त शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए. बता दें कि राइट टू एजुकेशन यानी आरटीई एक्ट के तहत वर्तमान में दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में 6 से 14 साल तक के छात्रों को मुफ्त शिक्षा मिलती है.
केवल इस क्लास तक मिलती है सुविधा
आरटीई के तहत दिल्ली के प्राइवेट स्कूल अभी इन छात्रों को क्लास 8वीं तक मुफ्त शिक्षा की सुविधा देते हैं. कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि ये सुविधा 12वीं तक एक्सटेंड करने की जरूरत है क्योंकि कई बार आर्थिक स्थितियां ठीक न होने से बहुत से बच्चों की पढ़ाई 8वीं के बाद रुक जाती है.
बता दें कि दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों को 25 प्रतिशत एडमिशन ईडब्ल्यूएस कोटे से लेने होते हैं. इन छात्रों से स्कूल किसी प्रकार की फीस चार्ज नहीं कर सकता. हालांकि ये सुविधा 14 साल की उम्र या क्लास 8वीं तक ही मिलती है.
क्या बदलेगा प्रस्ताव आने के बाद
अगर ये प्रस्ताव पारित हो जाता है तो दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में इस श्रेणी के कुछ प्रतिशत छात्रों को अपनी स्कूली शिक्षा पूरा करने का मौका मिलेगा. इससे उनकी स्कूल की पढ़ाई अधूरी नहीं रहेगी और वे आगे जाकर हायर स्टडीज कर सकते हैं और अच्छा करियर बना सकते हैं. इसलिए एससी/एसटी वेलफेयर कमेटी ने रिकमंड किया है कि दिल्ली के प्राइवेट स्कूलो में फ्री एजुकेशन की सुविधा क्लास 12वीं तक बढ़ा दी जानी चाहिए.
पड़ सकता है आर्थिक दबाव
कमेटी ने ये भी कहा कि इससे आर्थिक बोझ बढ़ सकता है लेकिन सोसाइटी में इसके लांग टर्म बेनिफिट्स को देखते हुए ये एक जरूरी इनवेस्टमेंट है जो जरूर किया जाना चाहिए. कमेटी ने जीएनसीटीडी एजुकेशन डिपार्टमेंट से सिफारिश की है कि इस बारे में विचार किया जाए और इस नियम को लागू भी किया जाए. बता दें कि अभी भी कई स्कूल ये सुविधा दे रहे हैं. ये वे स्कूल हैं जिन्होंने सरकारी एजेंसी से स्कूल की जमीन पायी है और वे पहले से अपने यहां 12वीं तक के स्टूडेंट्स को फ्री एजुकेशन दे रहे हैं.
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