Sarvodaya School Students To Teach Juniors: स्टूडेंट्स को जब टीचर नहीं बल्कि दूसरे स्टूडेंट ही पढ़ाते हैं तो उसका प्रभाव ही अलग होता है. इससे पढ़ने वालों को और पढ़ाने वालों को दोनों को ही फायदा होता है. जो पढ़ाता है उसका भी रिवीजन हो जाता है, बेस मजबूत हो जाता है और उसे तमाम एकेडमिक फायदे मिलते हैं. इसी तर्ज पर अब दिल्ली के दसवीं की परीक्षा दे चुके स्टूडेंट्स को अपने जूनियर्स की क्लास लेनी होगी. इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन जरूरी होगा.
किस स्कूल ने बनाया नियम
ये नियम सर्वोदय स्कूल के बच्चों के लिए हैं और जो स्टूडेंट्स दसवीं की यानी बोर्ड परीक्षा देकर फ्री हो चुके हैं, ये उनके लिए हैं. वे अगली क्लास की पढ़ाई तो शुरू करेंगे ही लेकिन साथ में प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए भी कुछ वक्त निकालेंगे. इस समय में उन्हें इन बच्चों को पढ़ाना होगा.
तीन घंटे पढ़ाना होगा
इस प्रक्रिया के दौरान दसवीं के छात्रों को अपने से छोटे यानी प्राइमरी क्लास के बच्चों की तीन घंटे क्लास लेनी होगी. इसके लिए वे स्कूल के ही संसाधन यानी क्लास, बोर्ड, बुक्स वगैरह का इस्तेमाल करेंगे और बच्चों को पढ़ाएंगे.
कब तक चलेगा ये प्रोग्राम
ये प्रोग्राम गर्मियों की छुट्टियों भर चलेगा यानी इस दौरान इन स्टूडेंट्स को प्राइमरी क्लासेस लेनी होंगी. ये फैसला शिक्षा निदेशालय ने लिया है और इसके तहत छोटे बच्चों को मूलभूत शिक्षा उपलब्ध कराने की ओर एक अनूठा प्रयास किया जाएगा. दिल्ली में 400 से ज्यादा सर्वोदय स्कूल हैं और सभी जगह ये प्रक्रिया अपनायी जाएगी.
पैरेंट्स देंगे एनओसी
जिन स्टूडेंट्स को इस काम के लिए चुना जाएगा, उनके पैरेंट्स को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट देना होगा. ये स्कूल हेड बताएंगे कि उनके विद्यालय से किन छात्रों को इस काम के लिए चुना गया है. एक छात्र को तीन से लेकर पांच स्टूडेंट्स को पढ़ाना होगा. ये काम स्कूल के दौरान ही होगा. कुछ समय बाद ये देखा जाएगा कि इस प्रक्रिया से कुछ फायदा हुआ या नहीं.
यह भी पढ़ें: यहां चल रही है 70 हजार पदों पर भर्ती, फटाफट कर दें अप्लाई
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI