दिल्ली के स्कूलों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचर्स के पारिश्रमिक को बढ़ाने की हो रही मांग, जानें
दिल्ली के स्कूलों में पढ़ाने वाले गेस्ट टीचर्स के पारिश्रमिक को बढ़ाने की मांग तेज होती दिख रही है. हालांकि एक अधिकारी का कहना है कि दिल्ली में अतिथि शिक्षकों को सबसे ज्यादा पारिश्रमिक मिलता है.
किसी भी स्कूल में बेहतर से बेहतर शिक्षा छात्रों तक पहुंचाने का जिम्मा शिक्षकों का होता है. इसके लिए बहुत से स्कूलों में अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर्स) की भी मदद ली जाती है. इसी तरह दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले स्कूलों में भी अतिथि शिक्षक पढ़ाने का कार्य करते हैं. जिनके समर्थन में अतिथि शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकतांत्रिक अध्यापक मंच दिल्ली ने शिक्षा मंत्री आतिशी को एक पत्र लिखा है. जिसमें मंच की ओर से कहा गया है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के किसी भी अतिथि शिक्षक को दिसंबर का वेतन नहीं मिला है. इसके अलावा पत्र में पारिश्रमिक दरों में भी संशोधन करने को लेकर कहा गया है.
पत्र में कहा गया है कि गेस्ट टीचर शिक्षण कार्य में अहम भूमिका निभाते हैं. हर अतिथि शिक्षक को फ़िलहाल में प्रत्येक माह महीने में करीब 33 हजार रुपये मिलते हैं. मामले पर दिल्ली सरकार के अधिकारी का कहना है कि देश भर में सबसे अधिक पारिश्रमिक दिल्ली में अतिथि शिक्षकों को दिया जाता है, जिसका कोई बकाया नहीं है. लेकिन इसके यदि कोई विशेष मामला सामने आता है, तो हम उसकी पूरी तरह से जांच करेंगे. अधिकारी ने कहा कि सरकार पहले से ही पारिश्रमिक में संशोधन के मुद्दे पर विचार कर रही है.
लेकिन अखिल भारतीय अतिथि शिक्षक संघ के महासचिव शोएब राणा का कहना है कि अतिथि शिक्षकों के दिसंबर के वेतन बिल 1 जनवरी से प्रधान लेखा कार्यालय (पीएओ) के पास लंबित हैं. उन्होंने कहा कि आमतौर पर वेतन बिल जारी होने के एक सप्ताह के अंदर आ जाता है. वहीं, गेस्ट टीचर्स ने कहा गया है कि पीएओ के अधिकारियों की ओर से कहा गया था कि ऑफिस में 4 जनवरी से सर्वर की दिक्कत है, जिस कारण काम 12-13 दिन प्रभावित रहेगा.
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