नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ तथा 'स्टूडेंट्स फॉर सेवा' के संयुक्त तत्वावधान में कोरोना काल में छात्रों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसलिए दिल्ली में कुल 14 जगहों पर 'बस्ती की पाठशाला' चलाई जा रही है. इन पाठशालाओं के माध्यम से स्कूली छात्रों को डीयू और जेएनयू के लगभग 50 के आसपास वालंटियर्स पढ़ा रहे हैं.
दिल्ली के बिलासपुर बस्ती ,तिमारपुर , आदर्श नगर , सत्य निकेतन पार्क , शाहदरा आदि कुल 14 जगहों पर लगभग ढाई सौ स्कूली छात्र सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए अपनी पढ़ाई इस कार्यक्रम के माध्यम से कर रहे हैं. यह पूरी तरह से निशुल्क है. 'बस्ती की पाठशाला' में स्कूली पढ़ाई कराने के साथ-साथ कुछ वॉलिंटियर्स ऐसे भी जुड़े हैं, जो आने वाले दिनों में छात्रों को पीटी,योगा,डांस तथा एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज आदि से भी परिचित कराएंगे तथा उनको अकादमिक पढ़ाई के साथ अन्य चीजों में भी निपुण बनाने का काम करेंगे.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष अक्षित दहिया ने कहा, 'बस्ती की पाठशाला कार्यक्रम की शुरुआत हुए लगभग 1 सप्ताह से अधिक का समय हो चुका है. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जिन छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ने की व्यवस्था नहीं है उनको हम इस कार्यक्रम के माध्यम से पढ़ा सकें जिससे उनकी पढ़ाई का नुकसान ना हो.
हमारी योजना कुल 22 जगहों पर बस्ती की पाठशाला शुरु करने की है जिसमें से लगभग हम दिल्ली को 8 जोन में विभाजित कर लगभग 14 स्थानों पर बस्ती की पाठशाला शुरु कर चुके हैं. मुख्यतः सोमवार से शुक्रवार के बीच दोपहर 2:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे तक कक्षाएं चलती हैं. कुछ स्थानों पर शनिवार तथा रविवार को भी कक्षाएं चल रही हैं.'
बस्ती की पाठशाला के समन्यवक हीमानिश राणा ने कहा, 'यह पहल समाज के वंचित बच्चों के लिए एक बहुत ही मददगार साबित हुई है. एक अच्छे कारण के लिए दिल्ली भर में छात्र इन कठिन समय के दौरान खाली समय का उपयोग करने में सक्षम थे. भागीदारी के कठोर स्तरों को ध्यान में रखते हुए, हम सभी वर्गों की संख्या में वृद्धि के लिए तत्पर हैं और सामाजिक सुरक्षा मानदंडों के प्रति सावधानी भी बरती जा रही है,'
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