Delhi University Webinar: दिल्ली विश्वविद्यालय अगले सप्ताह से सार्वजनिक वेबिनार की एक सीरीज आयोजित करेगा. इन वेबिनार का उद्देश्य छात्रों को स्नातक एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन, उनके कॉलेज और वरीयताओं को लिस्टेड करने की प्रक्रिया के बारे में बताना है. रजिस्ट्रार विकास गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा हर दिन एक वेबिनार आयोजित किया जाएगा. हालांकि कॉलेजों को छात्रों के सभी प्रश्नों को हल करने में मदद करने के लिए, कॉलेज में अपने स्तर पर ओपन सत्र आयोजित करने के लिए भी कहा गया है.
शुक्रवार को रजिस्ट्रार गुप्ता और डीन प्रवेश हनीत गांधी ने सभी कॉलेजों के साथ, इस साल की प्रवेश प्रक्रिया को समझाने के लिए एक सत्र आयोजित किया. पहले, कॉलेज प्रवेश प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे क्योंकि हर कॉलेज अपने कोर्सों के लिए खुद कट-ऑफ निर्धारित करता था. लेकिन अब सीयूईटी के आ जाने से कॉलेजों की अब भूमिका उनके दस्तावेजों की जांच के बाद उम्मीदवारों के प्रवेश को स्वीकार या अस्वीकार करने की रह गई है. सीट आवंटन विश्वविद्यालय द्वारा सेंट्रीलाइज्ड मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जाएगा. जो सीयूईटी स्कोर और छात्रों द्वारा फार्म में भरे गए कॉलेजों की वरीयताओं के आधार पर तैयार की जाएगी.
अंडरटेकिंग के आधार पर नहीं मिलेंगे एडमिशन
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि इस साल, डीयू किसी भी उम्मीदवार को ईडब्ल्यूएस या जाति प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक प्रमाणपत्रों के स्थान पर अंडरटेकिंग के आधार पर किसी भी कार्यक्रम में एडमिशन नहीं देगा. इस बारे में डीन ने बताया कि इस साल, हम अंडरटेकिंग के आधार पर कोई एडमिशन नहीं देने जा रहे हैं क्योंकि अगर उम्मीदवार बाद में अपात्र हो जाता है तो हम एक सीट बर्बाद नहीं कर सकते. शुक्रवार शाम को विश्वविद्यालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर उम्मीदवारों से कहा कि वे 30 सितंबर तक अपने सभी प्रमाण पत्र तैयार कर लें.
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