नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से लगभग 5 हजार एडहॉक शिक्षकों की विभिन्न कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति करने की मांग की है. इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू कराने का विषय भी बुधवार को विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने रखा गया. शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इन विषयों पर बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर पी.सी. जोशी से उनके कार्यालय में मुलाकात की.


दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर जोशी को बताया कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 6 कॉलेजों में दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गवनिर्ंग बॉडी के सदस्यों के नाम अभी तक नहीं भेजे गए हैं. इसकी वजह से इन कॉलेजों में गवर्निंग बॉडी नहीं बन पाई है. उन्होंने कार्यवाहक कुलपति से इस संदर्भ में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है.


अदिति कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज, कालिंदी कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, केशव महाविद्यालय और लक्ष्मीबाई कॉलेज में पिछले 6 महीनों से सदस्यों के नाम नहीं भेजे गए हैं. प्रोफेसर हंसराज ने कहा, लक्ष्मीबाई कॉलेज में तो दिल्ली सरकार के बाहर के सदस्यों से गवर्निंग बॉडी बन गई है. चेयरमैन डीयू प्रशासन से बनाया गया है.


प्रोफेसर हंसराज ने कहा, कार्यवाहक कुलपति को यह भी बताया गया कि पिछले एक दशक से 3000 शिक्षकों की पदोन्नति न होने से उन्हें हर महीने हजारों रुपये की आर्थिक हानि हो रही है. साथ ही लंबे समय से लगभग 5 हजार एडहॉक शिक्षक विभिन्न कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं. इसके अलावा विभागों में सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के 800 पदों पर नियुक्ति होनी है. विभागों में शिक्षकों की नियुक्ति न होने से शोध कार्य प्रभावित हो रहा है और शोधार्थियों को शोध निर्देशक मिलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि यह समस्या सबसे ज्यादा विज्ञान विषयों में है जहां विभाग से बाहर कम ही शोध निर्देशक लिए जाते हैं.


प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर जोशी ने जल्द ही विभागों और कॉलेजों में खाली पड़े सहायक प्रोफेसर के पदों पर स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है.


गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के 28 वित्त पोषित कॉलेजों में से 6 कॉलेजों में अभी तक गवर्निंग बॉडी नहीं बनी है. गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम पास हो चुके 6 कॉलेजों के 6 सदस्यों पर आपत्ति जताई थी. दिल्ली सरकार ने वाइस चांसलर को नाम भेजे हैं, लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय ने उन नामों को कथित तौर पर कॉलेजों को नहीं भेजा, जिससे गवनिर्ंग बॉडी बनने में दिक्कतें आ रही हैं.


डीटीए की अध्यक्ष डॉ आशा ने कार्यवाहक कुलपति से मांग की है कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 6 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम भेजे जाएं ताकि तुरंत सैलरी रिलीज हो सके और आर्थिक स्थिति से जूझ रहे शिक्षकों को वेतन दिया जा सके. उन्होंने कहा ,शिक्षकों के हितों में फैसला लेते हुए जल्द से जल्द सदस्यों के नाम भेजकर गवनिर्ंग बॉडी बनवाए.


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