DUTA ने विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखा पत्र, फाइनल-सेमेस्टर स्टूडेंट्स के Evaluation के लिए ऑल्टरनेटिव मोड की अपील की
कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने कई अपील करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखा है. अपने पत्र में शिक्षक संघ ने अपील की है कि टर्मिनल सेमेस्टर के स्टूूडेंट्स के लिए असेसमेंट के ऑल्टरनेटिव मोड का विस्तार किया जाए.
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) ने रविवार को विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुरोध किया कि कोरोनोवायरस संक्रमण की दूसरी लहर के मद्देनजर टर्मिनल सेमेस्टर के छात्रों के लिए असेसमेंट के ऑल्टरनेटिव मोड का विस्तार किया जाए. बता दें कि साल 2020 में, दिल्ली विश्वविद्यालय ने प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों का इंटरनल असेसमेंट और पिछले सेमेस्टर में उनके प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन किया था.
वहीं छात्रों और शिक्षकों के विरोध के बावजूद विश्वविद्यालय ने यूजी और पीजी के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन ओपन-बुक परीक्षा का विकल्प चुना था.
कार्यवाहक वाइस चांसलर पीसी जोशी को लिखा गया पत्र
बता दें कि कार्यवाहक वाइस चांसलर पीसी जोशी को संबोधित एक पत्र में, DUTA ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर से हुए नुकसान को देखते हुए, विश्वविद्यालय को परीक्षाओं के संबंध में अपने निर्णय की समीक्षा करनी चाहिए. पत्र में कहा गया है कि "जिस तरह का नुकसान परिवारों को हुआ है, उसे देखकर हमें लगता है कि विश्वविद्यालय को टर्मिनल सेमेस्टर / वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षाओं के संबंध में निर्णय की समीक्षा करनी चाहिए. कंटीन्यूइंग छात्रों के लिए अपनाए गए वैकल्पिक मोड को टर्मिनल सेमेस्टर के छात्रों के लिए भी बढ़ाया जा सकता है."
1 जून से होंगी फाइनल ईयर और सेमेस्ट की परीक्षाएं
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में, डीयू ने फाइनल ईयर और फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाओं को 15 दिनों के लिए स्थगित करने की घोषणा की थी. परीक्षा 15 मई से शुरू होने वाली थी, लेकिन अब ये परीक्षाएं 1 जून से शुरू होगी और ऑनलाइन मोड में होंगी और ओपन-बुक फॉर्मेट में आयोजित की जाएंगी.
इंटरनल असेसमेंट जमा करने की तिथि बढ़ाने का किया गया आग्रह
शिक्षक निकाय ने ये भी कहा कि विश्वविद्यालय को अपनी एनर्जी का उपयोग पांचवें सेमेस्टर के लंबित परिणाम घोषित करने में करनी चाहिए ताकि छात्रों को समय पर डिग्री मिल सके.पत्र में कहा गया है, "विश्वविद्यालय को यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) और एमओई (शिक्षा मंत्रालय) के साथ मामले को आगे बढ़ाना चाहिए."यह भी कहा गया है कि कॉलेजों और कई कोर्सेस के स्टूडेंट्स मानसिक तनाव और पारिवारिक स्थितियों को देखते हुए आंतरिक मूल्यांकन (IA) जमा करने की स्थिति में नहीं थे, और इस समय सीमा में और ढील दी जानी चाहिए. निकाय ने कहा कि कई शिक्षक अभी भी COVID-19 की चपेट में हैं और उन्हें समय सीमा को पूरा करना मुश्किल हो रहा है. इसके साथ ही वे यह भी अनुरोध करते हैं कि कक्षाओं का निलंबन अगले 15 दिनों के लिए जारी रखा जाए।
एकेडेमिक कैलेंडर को भी संशोधित करने की मांग की
पत्र में ये भी कहा गया है कि अगस्त के अंतिम सप्ताह से कंटिन्यूइंग छात्रों (III / V / VII सेमेस्टर) के लिए नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने का लक्ष्य रखा जा सकता है. गौरतलब है कि निकाय ने इंटरनल असेसमेंट और एग्जामिनेशन शेड्यूल के लिए रिवाइज्ड कार्यक्रम की मांग की है इसी के साथ ये भी अनुरोध किया है कि एकेडेमिक कैलेंडर को भी accordingly रिवाइज्ड किया जाए.
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